Highlights
- "आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज पर 9 करोड़ रुपये का बकाया"
- रियल एस्टेट के कर्जदाताओं के दावों पर बाद में होगा विचार
- 25 जुलाई को बाकी मामलों की होगी सुनवाई
Supreme Court on Amrapali: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि उसकी प्राथमिकता सबसे पहले यह है कि आम्रपाली समूह की कंपनियों के परेशान घर खरीदारों को उनके घर मिलें। इसके बाद अंत में वह रियल एस्टेट समूह के कर्जदाताओं के दावों पर विचार करेगा, जिन्होंने 2019 से पहले फाइनेंशियल हेल्प दी थी। जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि कोर्ट सबसे पहले प्रयास करेगी कि आम्रपाली समूह के हर एक घर खरीदार को उसका घर मिले।
बिजली विभाग की 9 करोड़ बकाया
पीठ ने कहा कि इसके बाद यह नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे प्राधिकरणों के दावों पर विचार करेगी और फिर बिजली बोर्ड या पेयजल विभागों जैसे अन्य वैधानिक निकायों/ संस्थानों के दावों पर विचार किया जाएगा। पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के बिजली विभाग के एक वकील से कहा, "आपको कतार में लगना होगा और इन सभी निकायों के दावों का निपटारा होने के बाद ही हम निश्चित रूप से आपके दावों पर गौर करेंगे।" बिजली विभाग के वकील ने कहा कि उनका आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज पर 9 करोड़ रुपये का बकाया है और इसे निपटाने की जरूरत है।
निजी फर्म के दावे पर विचार करने से इनकार
पीठ ने कहा कि बिजली विभाग का बकाया चुकाया जा चुका है क्योंकि कोर्ट रिसीवर वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणि को 2019 के फैसले द्वारा नियुक्त किया गया था और बकाया, यदि कोई है, तो यह 2019 से पहले का होना चाहिए। कोर्ट ने एक निजी फर्म मून बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के दावे पर विचार करने से भी इनकार कर दिया, जिसने दावा किया था कि उसने ब्याज की सुनिश्चित दर के साथ आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज में निवेश किया है। सुप्रीम कोर्ट ने निजी फर्म की ओर से पेश अधिवक्ता एमएल लाहोटी से कहा कि उनका दावा पीड़ित घर खरीदारों की श्रेणी में नहीं आता, बल्कि यह वापसी के लिए निवेश का मामला है।
बाकी मामलों की 25 जुलाई को सुनवाई
पीठ ने कहा, "आपको कतार में लगना होगा। जैसा कि हमने कहा है कि हमारी प्राथमिकता सबसे पहले यह है कि घर खरीदारों को उनके फ्लैट, उनके दावा मिले और उसके बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे प्राधिकरणों के दावों से निपटेंगे और फिर बिजली विभाग, जल विभाग जैसे वैधानिक निकायों/संस्थानों के दावे होंगे। इसके पूरा होने के बाद, हम निश्चित रूप से उन लोगों के मामले पर विचार करेंगे, जिन्होंने आम्रपाली ग्रुप ऑफ कंपनीज में अपना पैसा लगाया है।” पीठ ने कहा कि वह 25 जुलाई को बाकी मामलों की सुनवाई करेगी, जब कोर्ट रिसीवर भी मौजूद रहेंगे।