नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर अध्यादेश के खिलाफ याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। यह याचिका दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र से अपना रुख बताने को कहा है। दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सुनवाई की। कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को करेगा।
19 मई को लागू हुआ था अध्याधेश
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अध्यादेश, 2023 लागू किया था। यह अध्याधेश उस समय आया था जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली की निर्वाचित सरकार को सौंपने का आदेश दिया था।
अध्याधेश में उपराज्यपाल को बनाया गया था पावरफुल
केंद्र सरकार के अध्यादेश के तहत दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और तैनाती से जुड़ा आखिरी फैसला लेने का हक उप राज्यपाल को दिया गया है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) अध्यादेश, 2023 के तहत दिल्ली में सेवा देने वाले कैडर के ग्रुप ए के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित होगा। इस प्राधिकरण के तीन सदस्य होंगे। जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली के गृह प्रधान सचिव होंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री को इस प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है।
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