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Supreme Court Hearing on Demonetisation: आज से शुरू होगी नोटबंदी केस पर सुनवाई, 5 जजों की बेंच का हुआ गठन

Supreme Court Hearing: याचिकाकर्ता का कहना था, मोदी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके हर हफ्ते 24 हजार रुपये निकाले जाने की इजाजत दी है, लेकिन हकीकत में नोट नहीं निकाले जा सकते क्योंकि नोट की कमी है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Sep 28, 2022 9:54 IST, Updated : Sep 28, 2022 9:54 IST
Supreme Court Of India
Image Source : FILE PHOTO Supreme Court Of India

Highlights

  • याचिकाकर्ता ने इस केस को दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई दलीलें दी थीं।
  • तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच ने 9 सवाल तैयार किए
  • मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी की थी

Supreme Court Hearing in Demonetisation: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ नोटबंदी के 6 साल बाद अब इसकी वैधता पर सुनवाई करेगी। सुनवाई के लिए जस्टिस एस. अब्दुल नज़ीर की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच गठित की गई है। आज बेंच मामले की सुनवाई की तारीख तय कर सकती है। ये मामला 16 दिसंबर 2016 को संविधान पीठ को सौंपा गया था, लेकिन बेंच का गठन अब तक नहीं हो पाया था। अब जबकि बेंच का गठन हो गया है तो उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में जल्द सुनवाई भी पूरी हो जाएगी।

जानें क्या है केस

बता दें मोदी सरकार ने 2016 में नोटबंदी की थी, तो इसके बाद इसे लेकर देशभर की कोर्ट में कई याचिका दाखिल किए गए थे। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने देशभर की अदालतों में पेंडिंग नोटबंदी के सभी केस की सुनवाई पर रोक लगा दी थी और 5 जजों की बेंच के पास भेज दिया था। तत्कालीन चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की बेंच ने 9 सवाल तैयार किए थे जिन्हें 5 जजों की बेंच के सामने सुनवाई के लिए भेजा गया था।

कई दलीलों पर डाली याचिका

याचिकाकर्ता ने इस केस को दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कई दलीलें दी थीं। पेटिशनर का कहना था, मोदी सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके हर हफ्ते 24 हजार रुपये निकालने की इजाजत दी है, लेकिन हकीकत में नोट नहीं निकाले जा सकते क्योंकि नोटों की भारी कमी है। याचिकाकर्ता ने कई और बिंदु बताए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये मामला आम आदमी से जुड़ा है और ऐसे में लार्जर बेंच को मामला सौंपा जाता है।

सुप्रीम कोर्ट के वो 9 सवाल जिन पर होनी है सुनवाई

क्या नोटबंदी संविधान के अनुच्छेद-300 (ए ) यानी संपत्ति के अधिकार का उल्लंघन है?

क्या 8 नवंबर का नोटबंदी नोटिफिकेशन और उसके बाद का नोटिफिकेशन असंवैधानिक है?
जिला सहकारी बैंकों में पुराने नोट जमा करने और नए नोट निकालने पर रोक सही नहीं है?
क्या बैंकों और ATM में पैसा निकासी का लिमिट तय करना लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है?
नोटबंदी का फैसला क्या RBI की धारा-26 (2) के तहत अधिकार से बाहर का फैसला है?
क्या सरकार की इकोनॉमिक पॉलिसी के खिलाफ अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट दखल दे सकता है?
क्या नोटबंदी के फैसले को बिना तैयारी के लागू किया गया। करंसी का इंतजाम नहीं था और कैश लोगों तक पहुंचाने का इंतजाम नहीं था?
क्या नोटबंदी मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। मसलन संविधान के अनुच्छेद-14 यानी समानता के अधिकार और अनुच्छेद-19 यानी आजादी के अधिकारों का उल्लंघन है?

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