Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. सुप्रीम कोर्ट: दो महीने की लंबी खींचतान के बाद आज 5 जजों ने ली शपथ, जानें उनके बारे में सबकुछ

सुप्रीम कोर्ट: दो महीने की लंबी खींचतान के बाद आज 5 जजों ने ली शपथ, जानें उनके बारे में सबकुछ

नए जजों की नियुक्ति को लेकर दो महीने तक चले लंबे विवाद के बाद आज सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। जानिए उनके बारे में सबकुछ--

Edited By: Kajal Kumari
Updated on: February 06, 2023 11:12 IST
supreme court- India TV Hindi
Image Source : ANI सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों ने ली शपथ

Supreme Court: नए जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच पिछले दो महीने की लंबी खींचतान के बाद आज आखिरकार सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, न्यायमूर्ति संजय करोल, न्यायमूर्ति संजय कुमार, न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद की शपथ दिलाई।

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट के लिए पांच जजों के जिन नामों को मंजूरी दे दी थी, वे हैं-पंकज मिथल, संजय करोल, पीवी संजय कुमार, अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और मनोज मिश्रा। इन पांच जजों की नियुक्ति के संबंध में एक औपचारिक अधिसूचना शनिवार को जारी की गई थी। केंद्र ने देरी पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करने वाली शीर्ष अदालत की पीठ को आश्वासन दिया था कि नियुक्तियां "बहुत जल्द" होंगी।

नए न्यायाधीशों को सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) धनंजय वाई चंद्रचूड़ ने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में शपथ दिलाई। अदालत के नए भवन परिसर में सभागार में आयोजित एक समारोह में जजों को शपथ दिलाई गई। बता दें कि शीर्ष अदालत में 34 न्यायाधीशों की स्वीकृत शक्ति में से पांच जजों की नियुक्ति के बाद संख्या 32 हो जाएगी।

जानिए कौन हैं वे जज, जो आज लेंगे शपथ 

पंकज मिथल, मुख्य न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति पंकज मित्तल ने 1982 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया और मेरठ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की। न्यायमूर्ति मिथल को अक्टूबर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले, उन्होंने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। उन्होंने पूर्व में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है।

संजय करोल, मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय

सोमवार को शपथ लेने वाले दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल का जन्म शिमला में हुआ था और उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। 1961 में जन्मे, वह शिमला के प्रतिष्ठित सेंट एडवर्ड स्कूल के पूर्व छात्र हैं और शीर्ष अदालत में पदोन्नति के समय पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।

करोल ने पूर्व में त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किया। वह हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश और कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी हैं। उन्हें 11 नवंबर, 2019 को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्हें संविधान, कराधान, कॉर्पोरेट, आपराधिक और नागरिक मामलों से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता प्राप्त है।

पीवी संजय कुमार, मुख्य न्यायाधीश, मणिपुर उच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार ने 14 फरवरी, 2021 को मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। अपनी प्रारंभिक शिक्षा और हैदराबाद के निजाम कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक करने के बाद, कुमार ने 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और उसी वर्ष बार काउंसिल में दाखिला लिया।  उन्होंने 2000 और 2003 के बीच आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में कार्य किया और 2008 में तेलंगाना उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। उन्होंने पूर्व में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया है।

अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह बिहार के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने पटना लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने मुख्य रूप से पटना उच्च न्यायालय में अभ्यास किया है, लेकिन दिल्ली, कलकत्ता और झारखंड उच्च न्यायालय के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय में भी कार्य किया। न्यायमूर्ति अमानुल्लाह को पिछले साल जून में पटना उच्च न्यायालय में फिर से स्थानांतरित किए जाने से पहले अक्टूबर 2021 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में संक्षिप्त रूप से स्थानांतरित किया गया था।

मनोज मिश्रा, न्यायाधीश, इलाहाबाद उच्च न्यायालय

न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने 1988 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की और तब से उन्होंने दीवानी, राजस्व, आपराधिक और संवैधानिक मामलों में वकालत की है। उन्हें 21 नवंबर, 2011 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और 6 अगस्त 2013 को स्थायी कर दिया गया था। उन्होंने तब से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है।

ये भी पढ़ें:

अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर कांग्रेस आज करेगी प्रदर्शन, LIC और SBI के दफ्तरों के सामने जुटेंगे कार्यकर्ता

दो कोशिशों के बाद आज दिल्ली को नया मेयर मिलेगा क्या? सुबह 11 बजे होगी एमसीडी की बैठक

 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement