Highlights
- सेक्टर 93 ए में सुपरटेक फिर करेगा नया निर्माण
- सुपरटेक ने कहा-नोएडा प्राधिकरण से मांगेंगे अनुमति
- अनुमति नहीं मिलने पर हर्जाने की मांग करेगा सुपरटेक
Twin Tower Demolition: नोएडा के सेक्टर 93-ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर को भले ही धराशायी कर दिया गया हो, लेकिन कंपनी अभी भी हिम्मत नहीं हारी है। सुपरटेक ने ट्विन टावर गिराने की जगह पर ही फिर से नए टावर बनाने का ऐलान कर दिया है। इससे लोग भी सकते में पड़ गए हैं। ट्विन टावर गिराए जाने से कंपनी ने करीब 500 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया था। मगर अब सुपरटेक फिर से नया टावर बनाने जा रहा है। अब लोग जानना चाहते हैं कि ये टावर भी क्या पहले जैसे ही होंगे, अगर हां तो फिर पुराने वाले को गिराने की जरूरत ही क्या थी...? आपका सवाल वाजिब है। आइए अब हम आपको बताते हैं कि ट्विन टावर की जगह का सुपरटेक क्या करने वाला है।
जानी मानी रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक लिमिटेड नोएडा स्थित अपनी ट्विन टॉवर इमारत को नियंत्रित धमाके के साथ गिराये जाने के बाद अब उसी जगह पर एक नयी आवासीय परियोजना विकसित करना चाहती है। सुपरटेक के चेयरमैन आर के अरोड़ा ने कहा कि अगर नोएडा विकास प्राधिकरण इस नयी परियोजना को मंजूरी नहीं देता है तो कंपनी भूमि पर आई लागत और अन्य खर्चों की वापसी की मांग करेगी। सुपरटेक ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद ट्विन टॉवर के गिराए जाने से लगभग 500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया है। एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के अंदर इन दोनों टॉवर का निर्माण निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए किया गया था। उच्चतम न्यायालय के आदेश पर गत 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे लगभग 100 मीटर ऊंचे इन टॉवर को विध्वंशक लगाकर ढहा दिया गया था।
14 एकड़ भूमि में था ट्विन टावर
ट्विन टावर को गिराने में 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था। टॉवर वाली जगह से मलबा हटाए जाने के बाद अरोड़ा ने कहा कि कंपनी उस स्थान पर एक आवासीय परियोजना विकसित करने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण के समक्ष एक प्रस्ताव रखेगी। इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर कंपनी एमराल्ड कोर्ट परिसर के रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) की सहमति भी लेगी। उन्होंने कहा कि नोएडा के सेक्टर 93 ए में प्राधिकरण ने एक समूह आवासीय परियोजना के लिए सुपरटेक को 14 एकड़ भूमि आवंटित की थी। इस भूमि खंड में से दो एकड़ जमीन पर ट्विन टॉवर बनाए गए थे। अरोड़ा ने 'पीटीआई-भाषा' के साथ एक बातचीत में कहा, "अब ट्विन टॉवर को ध्वस्त कर दिया गया है और अब हम कंपनी के स्वामित्व वाली दो एकड़ भूमि पर एक समूह आवासीय परियोजना के विकास का प्रस्ताव लेकर आएंगे।
नोएडा प्राधिकरण अनुमति नहीं देगा तो सुपरटेक लेगा हर्जाना
प्राधिकरण से कंपनी को इसकी मंजूरी मिलने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कंपनी निश्चित रूप से एक योजना बनाएगी और फिर प्राधिकरण को इस पर फैसला करना है। अरोड़ा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर एमराल्ड कोर्ट के आरडब्ल्यूए की भी सहमति ली जाएगी। सुपरटेक के चेयरमैन ने कहा कि नयी परियोजना को अनुमति नहीं दिए जाने की स्थिति में कंपनी प्राधिकरण से इस भूमि पर आई अपनी लागत की वापसी की मांग करेगी। अरोड़ा ने कहा, "मौजूदा दर पर इस जमीन की कीमत करीब 80 करोड़ रुपए होनी चाहिए। इसके अलावा इस परियोजना में अतिरिक्त फर्श क्षेत्र अनुपात (एफएआर) की खरीद के लिए करीब 25 करोड़ रुपए का भुगतान भी सुपरटेक ने किया था। इस हिसाब से जुर्माने की मांग की जाएगी।
आरडब्ल्यूए की मंदिर बनाने की मांग
सुपरटेक भले ही ट्विन टावर वाली जमीन पर फिर से मकान बनाना चाहता हो, लेकिन आरडब्ल्यूए और आसपास के लोग इस जमीन पर अब भगवान का मंदिर बनाना चाहते हैं। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद छिड़ा है। इसमें अब नोएडा प्राधिकरण की भूमिका भी मुख्य होगी। स्थानीय लोग रामलला या भगवान शिव का यहां भव्य मंदिर बनते देखना चाहते हैं।