Sunday, December 22, 2024
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सुल्ली डील्स ऐप केस: आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत याचिका खारिज, पुलिस के वकील ने दी थी ये दलील

ओंकारेश्वर के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी पर आईपीसी 153A साबित नहीं होता है बल्कि पुलिस मीडिया और सोसाइटी के दबाव में काम कर रही है। 

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Published : January 16, 2022 18:03 IST
आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर
Image Source : INDIA TV आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर

बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई को स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने असम से गिरफ्तार करके कस्टडी ली थी, आरोपी के वकीलों की तरफ से जमानत याचिका लगाई गई और पटियाला हाउस कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जमानत याचिका पर सुनवाई की गई। नीरज बिश्नोई के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी 20 साल का लड़का है और उसपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।

वकीलों ने कोर्ट को बताया कि नीरज बिश्नोई बुल्ली बाई ऐप को किसी महिला की बदनामी के मकसद से नही बनाया था और उसके पास से न ही कोई रिकवरी हुई है और न ही उसकी कस्टडी की आगे जरूरत है वो काफी दिनों से न्यायिक हिरासत में है लिहाजा उसे जमानत दे दी जाए। 

इसपर स्पेशल सेल की IFSO यूनिट की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी ने बुल्ली बाई ऐप बनाई थी और उस पर मुस्लिम महिलाओं की फोटो डालकर ऑक्शन करने की कोशिश की थी, मुस्लिम महिला पत्रकारों और ऐसी मुस्लिम महिलाएं जो सोशल मीडिया पर एक्टिव थी उनकी फोटो डालजर जानबूझ कर ये साजिश रची गई और जिस ट्विटर एकाउंट से ये फोटो शेयर की गई वो सब आरोपी का ही था लिहाजा केस अभी शुरुआती दौर में है ऐसे में जमानत न दी जाए।

इसके बाद 14 जनवरी को बुल्ली बाई ऐप बनाने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कैंसिल कर दी और फिलहाल साउथ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के किशनगढ़ वाले सुल्ली डील्स ऐप केस में नीरज बिश्नोई को पुलिस ने दो दिन की कस्टडी में लिया है और इसके बाद मुंबई पुलिस अपने केस में आरोपी की कस्टडी की मांग करेगी।

इसी तरह सुल्ली डील्स बनाने वाले आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर को स्पेशल सेल की टीम ने मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार करके इसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था इस आरोपी के वकील की तरफ से भी पटियाला हाउस कोर्ट में आज यानी 15 जनवरी को जमानत याचिका लगाई गई जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया।

ओंकारेश्वर के वकीलों की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी पर आईपीसी 153A साबित नहीं होता है बल्कि पुलिस मीडिया और सोसाइटी के दबाव में काम कर रही है। इस पर पुलिस की तरफ से दलील दी गई कि आरोपी ने सुल्ली डील्स ऐप बनाकर उसमें मुस्लिम महिलाओं की फोटो डालकर एक कम्युनिटी को बदनाम किया और महिलाओं का अपमान किया, सुल्ली डील्स शब्द अपने आप मे महिलाओं की रेस्पेक्ट के मद्देनजर शर्मनाक शब्द है। 

केस अभी शुरुआती स्टेज में है लिहाजा आरोपी बेल पर आकर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है। आरोपी ने इस तरह का ब्राउजर इस्तेमाल किया जिससे उसकी पहचान न हो सके। सुल्ली डील्स ऐप मामले में कई शिकायतें आई हुई हैं।  इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर की जमानत की अर्जी को भी रद्द कर दिया।

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