नई दिल्ली: 'सुलभ इंटरनेशनल' के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ है। उनके एक करीबी सहयोगी ने बताया कि बिंदेश्वर ने एम्स दिल्ली में आखिरी सांस ली। गौरतलब है कि सार्वजनिक शौचालय बनाने वाली संस्था सुलभ एक जाना माना नाम है। मंगलवार को सुलभ इंटरनेशनल के ऑफिस में झंडा वंदन कार्यक्रम के बाद बिंदेश्वर की तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनका निधन हो गया। बिंदेश्वर ने सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन की स्थापना साल 1970 में की थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिंदेश्वर को दोपहर डेढ़ बजे एम्स की इमरजेंसी में लाया गया था। इस दौरान डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कौन थे बिंदेश्वर?
बिंदेश्वर पाठक मूल रूप से बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले थे। उनके गांव का नाम रामपुर बघेल था। साल 1991 में उन्हें पद्म भूषण सम्मान भी मिला था। उन्होंने सिर पर मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने के लिए तमाम काम किए। मिली जानकारी के मुताबिक, सुलभ इंटरनेशनल के देशभर में करीब 8500 शौचालय और स्नानघर हैं।
पीएम मोदी ने जताया दुख
बिंदेश्वर के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा, 'डॉ बिंदेश्वर पाठक का निधन हमारे देश के लिए एक गहरी क्षति है। वह एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने सामाजिक प्रगति और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। बिंदेश्वर ने स्वच्छ भारत के निर्माण को अपना मिशन बना लिया। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन को जबरदस्त समर्थन प्रदान किया। हमारी विभिन्न बातचीत के दौरान स्वच्छता के प्रति उनका जुनून हमेशा दिखता रहा। उनका काम कई लोगों को प्रेरणा देता रहेगा। इस कठिन समय में उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ओम शांति।'
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