अरुणाचल प्रदेश में सुबह करीब 10:30 बजे भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.7 मापी गई है। इससे पहले अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में गुरुवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार अंडमान और निकोबार द्वीप के पोर्टब्लेयर से 253 किमी दक्षिण-पूर्व में10 नवंबर की सुबह करीब 2:29 बजे 4.3 तीव्रता का भूंकप आया। भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। हालांकि कि इस भूकंप से किसी तरह के कोई नुकसान की खबर नहीं है।
भूकंप आने पर क्या करें, क्या न करें
- भूकंप आने पर फौरन घर, स्कूल या दफ़्तर से निकलकर खुले मैदान में जाएं। बड़ी बिल्डिंग्स, पेड़ों, बिजली के खंबों आदि से दूर रहें।
- बाहर जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- कहीं फंस गए हों तो दौड़ें नहीं। इससे भूकंप का ज्यादा असर होगा।
- भूकंप आने पर खिड़की, अलमारी, पंखे, ऊपर रखे भारी सामान से दूर हट जाएं ताकि इनके गिरने और शीशे टूटने से चोट न लगे।
- आप बाहर नहीं निकल पाते तो टेबल, बेड, डेस्क जैसे मजबूत फर्नीचर के नीचे घुस जाएं और उसके लेग्स कसकर पकड़ लें ताकि झटकों से वह खिसके नहीं।
- कोई मजबूत चीज न हो, तो किसी मजबूत दीवार से सटकर शरीर के नाजुक हिस्से जैसे सिर, हाथ आदि को मोटी किताब या किसी मजबूत चीज़ से ढककर घुटने के बल टेक लगाकर बैठ जाएं।
- खुलते-बंद होते दरवाजे के पास खड़े न हों, वरना चेाट लग सकती है।
- गाड़ी में हैं तो बिल्डिंग, होर्डिंग्स, खंबों, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर सड़क के किनारे या खुले में गाड़ी रोक लें और भूकंप रुकने तक इंतजार करें।
9 नवंबर को भी महसूस किए गए भूकंप के झटके
बता दें, एक दिन पहले 9 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र नेपाल में जमीन से 10 किलोमीटर नीचे बताया गया । भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.3 मापी गई। भूकंप के झटके रात क़रीब 1:57 बजे महसूस किए गए।
8 नवंबर को भी हिली धरती
वहीं इससे पहले भी मंगलवार देर शाम को भी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसका केंद्र उत्तराखंड में भारत-नेपाल सीमा के करीब था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.9 मापी गई थी। जानकारी के अनुसार, यहां भूकंप के झटके लगभग 9 बजे आए थे।