बुधवार को लोकसभा में IPC, CRPC और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव कर के भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर चर्चा हुई है। और भारतीय न्याय संहिता को पारित भी कर दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इन बदलावों पर विस्तार से जवाब दिया। नए कानूनों में कई मामलों जैसे रेप, देशद्रोह आदि में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। वहीं, अब नए कानून में झूठे वादे कर के संबंध बनाने वालों पर भी कार्रवाई की बात कही गई है।
यौन अपराध में कड़ी सजा का प्रावधान
लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर चर्चा करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि नए कानून के अनुसार, झूठे वादे या पहचान छुपाकर यौन संबंध बनाना अब अपराध की श्रेणी में आएगा। ऐसे लोगों को कड़ी सजा मिलेगी। इसके अलावा अब गैंगरेप में 20 साल और नाबालिग से दुष्कर्म पर मौत या आजीवन कारावास तक की सजा मिलेगी।
मॉब लिंचिंग पर फांसी, आतंकवाद की भी व्याख्या
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष से पूछा कि आपने भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद की व्याख्या अब तक किसी भी कानून में नहीं थी। पहली बार अब मोदी सरकार आतंकवाद को व्याख्यायित करने जा रही है जिससे इसकी कमी का कोई फायदा न उठा पाए।
हिट एंड रन पर सजा, राजद्रोह की जगह देशद्रोह
गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि राजद्रोह जैसे अंग्रेजों के काले कानून को समाप्त कर दिया गया है। इसकी जगह देशद्रोह कानून लाया गया है। देश के खिलाफ बोलना गुनाह होगा। सशस्त्र विद्रोह करने पर जेल होगी। नए कानून के तहत हिट एंड रन मामले में आरोपी को 10 साल की सजा होगी। वहीं, अगर एक्सीडेंट करने वाला शख्स, घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी।
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