Wednesday, December 25, 2024
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कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धरमैया का अजीबोगरीब बयान, कहा 'मैं हिंदुत्व का विरोधी', जानिए और क्या कहा?

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने हिंदुत्व पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वे हिंदू हैं, लेकिन हिंदुत्व के विरोधी हैं उन्होंने राममंदिर के बारे में भी अपनी राय रखी। जानिए उन्होंने और क्या कहा?

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Jan 06, 2023 21:23 IST, Updated : Jan 06, 2023 21:23 IST
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Image Source : FILE siddaramaiah

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि हिंदू होने के बाद भी वह हिंदुत्व के विरोधी हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अयोध्या में राममंदिर का उन्होंने कभी विरोध नहीं किया, लेकिन वह राजनीतिक फायदे के लिए उसका उपयोग किए जाने के विरूद्ध हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों में उन्होंने कई राम मंदिर बनवाए।

एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर का उन्होंने कभी विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘क्या कभी हमने राममंदिर का विरोध किया। हमारा ऐतराज बस राजनीतिक फायदे के लिए मंदिर का उपयोग करने को लेकर है। उसका अन्य धर्मावलंबियों के विरूद्ध उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। भाजपा राजनीतिक फायदे के लिए उसका उपयोग कर रही है।’

सिद्धरमैया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मैं हिंदू हूं। मैं कैसे हिंदू विरोधी हो सकता हूं? मैं हिंदुत्व और हिंदू धर्म के इर्द-गिर्द की राजनीति के विरूद्ध हूं। भारतीय संविधान के अनुसार सभी धर्म समान हैं।’ वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इस आरोप के बारे में पूछे गए प्रश्न का उत्तर दे रहे थे कि वह हिंदू विरोधी हैं। भाजपा महासचिव सी टी रवि ने सिद्धरमैया को ‘सिद्धरमैया खान’ कहा था। सिद्धरमैया ने यह कहते हुए इसकी तारीफ की कि यह उनकी धर्मनिरपेक्ष छवि की पुष्टि करता है। 

सिद्धरमैया ने कहा कि भारत की बहुविध धार्मिक संस्कृति है जहां हर व्यक्ति को साथ लिया जाना चाहिए और हर व्यक्ति को इंसान के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान भी यही कहता है और हमें उसका पालन करना चाहिए। विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस हमेशा उन लोगों के विरूद्ध रही है जो सांप्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं तथा जाति एवं धर्म के आधार पर राजनीति करते हैं। 

जब उनसे स्वतंत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा सवाल उठाए जाने संबंधी बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हिंदू महासभा और आरएसएस से किसी ने भी भारत की आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया। सिद्धरमैया ने कहा कि आरएसएस 1925 में अस्तित्व में आया और केशव बलिराम हेडगेवार आरएसएस के संस्थापक थे और बाद में माधव सदाशिव गोलवलकर ने उसकी अगुवाई की। कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने सवाल किया, ‘क्या उनमें से किसी ने या आरएसएस पदाधिकारियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लिया? स्वतंत्रता आंदोलन उस काल में चरम पर था। क्या उन्होंने उस संघर्ष में भाग लिया। नहीं।’

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