Highlights
- जम्मू-कश्मीर में आंतकियों के पास 'स्टिकी बम' होने की आशंका
- अमरनाथ यात्रियों पर मंडराया स्टिकी बम का खतरा
- अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बदली गई SOP
Sticky bomb in: पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के पास से कई 'स्टिकी बम' बरामद किए हैं। गिरफ्तार आतंकियों से हुई पूछताछ के साथ ही अन्य सबूतों के आधार पर आशंका जाहिर की जा रही है कि कश्मीर में मौजूद आंतकी संगठनों के पास स्टिकी बम पहुंच चुका है। बीते महीने कटरा से जम्मू जा रही एक बस पर हमले में भी स्टिकी बम के इस्तेमाल का शक है, जिसकी NAI जांच कर रही है। इसके मद्देनज़र 30 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर सुरक्षा एजेंसिया अलर्ट पर हैं और अपनी SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रॉसिजर) में बदलाव पर काम कर रही हैं।
पहली बार जम्मू के सांबा में बरामद हुआ स्टिकी बम
कश्मीर में आतंकियों के पास से पहली बार स्टिकी बम पिछले साल फरवरी के महीने में जम्मू के सांबा इलाके में बरामद किया गया था। इसको ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियां स्टिकी बम के खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त कदम उठा रही हैं। जानकारी के मुताबिक सुरक्षा अधिकारियों ने फैसला किया है कि इस बार तीर्थ यात्रियों और सुरक्षाबलों की गाड़ियां अलग-अलग होकर चलेंगी। साथ ही सुरक्षाबलों और तीर्थयात्रियों के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों को ये निर्देश जारी किए गए हैं कि किसी भी गाड़ी को लावारिस न छोड़ें।
दूर से फेंकने पर ही गाड़ियों से चिपक जाता है स्टिकी बम
स्टिकी बम चिपकने वाला ऐसा बम होता है, जो गाड़ियों या किसी चीज की ओर फेंके जाने पर उससे चिपक जाता है और दूर से ही रिमोट के जरिए या टाइमर सेट करके इसमें विस्फोट कर दिया जाता है। इस बम को 'मैग्नेटिक बम' भी कहा जाता है। अक्सर स्टिकी बम को कार, बस या सेना की गाड़ियों के फ्यूल टैंक से चिपका दिया जाता है जिससे ब्लास्ट होने पर गाड़ी के परखच्चे उड़ जाते हैं। स्टिकी बम में 50-10 मिनट का टाइमर होता है।