Thursday, November 21, 2024
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पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान मची भगदड़, 15 घायल, एक की मौत, ओडिशा सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान

पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मचने से 15 भक्त घायल हो गए। वहीं, एक श्रद्धालु की मौत हो गई। यहां 53 साल बाद दो दिन की रथ यात्रा हो रही है।

Edited By: Shakti Singh
Updated on: July 07, 2024 23:55 IST
Puri Rath Yatra- India TV Hindi
Image Source : PTI पुरी में रथ यात्रा के दौरान भक्तों की भीड़

ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 15 भक्त घायल हो गए। वहीं, एक श्रद्धालु की मौत हो गई। भगदड़ में घायल श्रद्धालुओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें से कई श्रद्धालुओं को मामूली चोट आई है। ऐसे में प्राथमिक इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छोड़ दिया गया। गंभीर रूप से घायल श्रद्धालुओं का इलाज जारी है। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मृतक के परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों के लिए मुफ्त इलाज की घोषणा की है। 

मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया कि पुरी में रथ यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र के तालध्वज रथ को खींचने के दौरान दम घुटने से एक श्रद्धालु की दुखद मौत हो गई। हालांकि, उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुरी में 53 साल बाद भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा दो दिन की हो रही है। 1971 से यह रथ यात्रा एक दिन की हो रही थी। इस साल इसे दो दिन का किया गया है। हर साल होने वाली इस रथ यात्रा में हमेशा बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं।

बलभद्र का रथ खींचे जाने के दौरान हुआ हादसा

पुरी रथ यात्रा में प्रभु बलभद्र का रथ खींचे जाने के दौरान हादसा हुआ। इस दौरान एक व्यक्ति जमीन गिर गया। जमीन पर गिरने के कारण भक्त की मौत हो गई। इस दौरान हल्की भगदड़ मचने से 15 लोग घायल हो गए। इस बार भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ दो दिन में मौसी के घर पहुंचेंगे। मान्यता के अनुसार यहां भगवान कई तरह के पकवान खाते हैं, जिससे उनकी तबीयत खराब हो जाती है। पुरी की रथ यात्रा का धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से 100 यज्ञ कराने के बराबर पुण्य मिलता है। इस वजह से बड़ी संख्या में भक्त इस रथ यात्रा में शामिल होते हैं।

2 घंटे पहले जगे भगवान

मान्यता के अनुसार स्नान पूर्णिमा पर स्नान के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं। इस साल भी स्नान पूर्णिमा के बाद भगवान ठीक हो चुके हैं। रथयात्रा शुरू होने से पहले होने वाली रस्में रविवार को ही हो रही हैं।  जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा दोपहर 2.30 बजे अपने-अपने रथ में विराजमान हुए। जगन्नाथ मंदिर के पंचांगकर्ता डॉ. ज्योति प्रसाद ने बताया कि भगवान को आम दिनों से 2 घंटे पहले जगाया गया और मंगला आरती सुबह 4 की बजाय तड़के 2 बजे हुई। मंगला आरती के बाद करीब 2.30 बजे दशावतार पूजन हुआ। 3 बजे नैत्रोत्सव और 4 बजे पुरी के राजा की तरफ से पूजा की गई। सुबह 5.10 बजे सूर्य पूजा और करीब 5.30 बजे द्वारपाल पूजा हुई। सुबह 7 बजे भगवान को खिचड़ी भोग-प्रसाद लगाया गया।

(पुरी से कल्पतरू की रिपोर्ट)

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