नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा आज संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। यह विशेष सत्र 18-22 सितंबर तक चलेगा। इस बीच विपक्षी दलों द्वारा लगातार विशेष सत्र को लेकर बयानबाजी की जा रही है। इस बाबत बोलते हुए कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मैं शुरू से क रहा हूं कि यह काफी बेतुका है। सरकार ने इस विशेष सत्र में इतने सारे बिल पास करने का फैसला क्यों लिया है। उन्होंने कहा, 'यह उन्हें (केंद्र सरकार) स्पष्ट करने की जरूरत है। विशेष सत्र आमतौर पर किसी विशेष एजेंडे के लिए बुलाया जाता है, जिसमें केवल उन्हीं मुद्दों पर चर्चा की जाती है। लेकिन सरकार ने इस बाबत कोई स्पष्टता नहीं दी है। हम सरकार की मंशा को लेकर चिंतित हैं। हमें पीएम मोदी के संसद में बोलने से कोई दिक्कत नहीं है।'
विपक्षी नेताओं ने विशेष सत्र पर साधा निशाना
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा और संजय सिंह के निलंबन पर AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू ने कहा कि हम आज एक नए सदन में प्रवेश करेंगे और चूंकि वे भी (राघव चड्ढा और संजय सिंह) भी चुने हुए प्रतिनिधि हैं। इसलिए उचित सम्मान पाने के वे भी हकदार हैं। उन्होंने कहा, 'सभी विपक्षी दलों ने उनके निलंबन को रद्द करने की मांग की है। मुझे पिछले सत्र में भी निलंबित किया गया था। लेकिन मैं आज संसद के सत्र में भाग लूंगा।' इस बाबत आम आदमी पार्टी ने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। व्हिप में पार्टी ने लिखा, 'राज्यसभा में आम आदमी पार्टी के सभी सदस्यों को सूचित किया जाता है कि आगामी विशेष सत्र में राज्यसभा में कुछ बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाएंगे। इसे देखते हुए पार्टी के सभी सदस्यों से अनुरोध है कि वे 18 से 22 सितंबर 2023 तक सदन के स्थगन तक सुबह 11 बजे तक सदन की कार्यवाही के समय उपस्थित रहें और पार्टी के रुख का समर्थन करें।'
संसद के विशेष सत्र को लेकर राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि यह बिल्कुल विशेष सत्र नहीं है। किसी ज्योतिषी ने कुछ कहा होगा और पीएम उस सब पर विश्वास करते हैं। वे सामान्य विधेयक ला रहे हैं, जिनके लिए शीतकालीन सत्र का इंतजार किया जा सकता था। उन्होंने कहा, यह मत कहिए कि आपका कोई एजेंडा नहीं है। एजेंडा बिल्कुल साफ है। हम देखना चाहते हैं कि अन्य एजेंडें क्या हैं। कांग्रेस का राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने संसद के विशेष सत्र को लेकर कहा कि सरकार बहुत भ्रमित है।