Monday, December 23, 2024
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दुर्गम पहाड़ियों पर एक साथ उतरे भारत और नेपाल के सैनिक, चीन को लगी मिर्ची !

Indian and Nepal Army: नेपाल में भले ही चीन अपने मनमुताबिक सत्ता में दखलंदाजी कराने में कामयाब रहा हो और शेर बहादुर देउबा को गच्चा देकर पुष्प कमल दहल प्रचंड के पीएम बनने से खुश हो रहा हो, लेकिन भारत ने फौरी तौर पर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 27, 2022 21:20 IST, Updated : Dec 27, 2022 21:20 IST
इंडिया-नेपाल संयुक्त अभ्यास (प्रतीकात्मक फोटो)
Image Source : PTI इंडिया-नेपाल संयुक्त अभ्यास (प्रतीकात्मक फोटो)

Indian and Nepal Army: नेपाल में भले ही चीन अपने मनमुताबिक सत्ता में दखलंदाजी कराने में कामयाब रहा हो और शेर बहादुर देउबा को गच्चा देकर पुष्प कमल दहल प्रचंड के पीएम बनने से खुश हो रहा हो, लेकिन भारत ने फौरी तौर पर उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सूर्य किरण सैन्य प्रशिक्षण अभियान के तहत भारत और नेपाल की सेनाएं दुर्गम पहाड़ियों और जंगलों में एक साथ उतरीं तो चीन को मिर्ची लग गई। भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास 'सूर्य किरण' किया जा रहा है।

मंगलवार को भारतीय सेना ने इस विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि 'सूर्य किरण 2022' नेपाल में चल रहा संयुक्त सैन्य अभ्यास है। इसके दौरान, भारतीय सेना और नेपाली सेना के सैनिकों ने 48 घंटे के भीषण प्रशिक्षण में भाग लिया। इसमें सेना ने बनाई गई सेटिंग्स पर आतंकवाद-रोधी अभ्यासों का सफल अभ्यास किया किया गया। दोनों सेनाओं के बीच यह युद्ध अभ्यास भारत नेपाल मैत्री का हिस्सा है। भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास का 16वां संस्करण 'सूर्य किरण' 29 दिसंबर तक नेपाल में सलझंडी के नेपाल आर्मी बैटल स्कूल में जारी रहेगा। पहाड़ी इलाकों में जंगल युद्ध तथा आतंकवाद रोधी अभियानों में मानवीय सहायता एवं आपदा राहत कार्यों में अंतर-क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से भारत और नेपाल के बीच अभ्यास सूर्य किरण प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।

आतंकवाद विरोधी अभियान पर फोकस

नेपाल की सेना की तरफ से श्री भवानी बक्श बटालियन के जवान और भारतीय सेना के 5 जीआर के जवान इस अभ्यास सत्र में भाग ले रहे हैं। दोनों सेनाएं, इन टुकड़ियों के माध्यम से, अपने-अपने देशों में वर्षों से विभिन्न उग्रवाद विरोधी अभियानों के संचालन के दौरान प्राप्त हुए अनुभवों को साझा कर रही हैं। संयुक्त सैन्य अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियानों में यूनिट स्तर पर सामरिक संचालन की योजना और क्रियान्वयन पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। भारतीय सेना के मुताबिक सैन्य अभ्यास के दौरान, दोनों देशों के सैनिक क्षमता विकसित करने के लिए एक साथ प्रशिक्षण ले रहे हैं।

भाग लेने वाले प्रतिभागी जवाबी कार्रवाई तथा आतंकवाद विरोधी अभियानों और मानवीय राहत कार्यों पर भी अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। सेना का मानना है कि यह संयुक्त सैन्य अभ्यास रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा देगा। गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय वायुसेना (आईएएफ) भारत चीन सीमा के पास युद्धाभ्यास कर चुकी है। भारतीय वायुसेना का यह अभ्यास देश के पूर्वी सेक्टर में 16 दिसंबर तक था।

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