Friday, November 22, 2024
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...तो इस बड़े मकसद के लिए बीजेपी ने कश्मीर में महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार बनाई थी?

महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े ओबीसी नेता और पंचायत राज राज्यमंत्री कपिल पाटिल़ ने कल्याण शहर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिलसिलेवार तरीके से बताया कि आखिर बीजेपी ने पीडीपी के साथ सरकार क्यों बनाई और 370 हटने के पहले क्या-क्या हुआ। 

Reported by: Dinesh Mourya @dineshmourya4
Published on: January 30, 2022 14:55 IST
क्या इसलिए बीजेपी ने बनाई थी जम्मू-कश्मीर में सरकार?- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE क्या इसलिए बीजेपी ने बनाई थी जम्मू-कश्मीर में सरकार?

बीजेपी और पीडीपी के ब्रेकअप को साढ़े तीन साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग भी हो चुके है लेकिन एक सवाल ने अब भी बीजेपी का पीछा नहीं छोड़ा है कि आखिर जिस पीडीपी को बीजेपी अक्सर अलगाववादियों का रहनुमा कहती थी उसी के साथ बीजेपी ने गठबंधन की सरकार क्यों बनाई। जून 2018 में बीजेपी के सत्ता से बाहर निकलने के बाद कई सारे कयास लगाए गए लेकिन पहली बार मोदी सरकार के एक मंत्री ने ऑन रिकॉर्ड इस गठबंधन के पीछे की असली कहानी बताई है।

महाराष्ट्र बीजेपी के बड़े ओबीसी नेता और पंचायत राज राज्यमंत्री कपिल पाटिल़ ने कल्याण शहर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिलसिलेवार तरीके से बताया कि आखिर बीजेपी ने पीडीपी के साथ सरकार क्यों बनाई और 370 हटने के पहले क्या-क्या हुआ। 

कपिल पाटिल ने कहा, आप सभी दोष दे रहे थे कि महबूबा मुफ्ती के साथ सरकार क्यों बनाई। हमें भी लगता था कि अरे ये क्या कर बैठे.. लोग हमारी आलोचना कर रहे थे। लेकिन अगर (BJP-PDP) सरकार नहीं बनाते तो शायद उनकी (मुफ्ती) और कांग्रेस की सरकार सत्ता में जाती। इसलिए ये योजना बनाई गई कि BJP-PDP सरकार बनाई जाए। जब सही समय आएगा तब इस सरकार को गिराकर राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाएगा। जब तक राष्ट्रपति शासन नहीं लगता तब तक हम 370 और 35A हटा नहीं सकते थे। क्योंकि कानून में ऐसे प्रावधान हैं कि अगर आपको 370, 35A हटाना है तो राज्य की विधानसभा में पहले वो मंजूर होना चाहिए। फिर राज्य केंद्र सरकार को सिफारिश करें। 

पाटिल ने आगे कहा, कश्मीर में बीजेपी को छोड़कर अगर किसी भी अन्य दल का मुख्यमंत्री होता तो क्या उसने ये सिफारीश की होती? इसकी तैयारी दो वर्ष पहले की गई। मुफ्ती के साथ सरकार का गठन किया गया। वक्त आने पर सरकार गिरा दी गई। फिर गर्वनर को कहकर सिफारिश की और 370, 35A हटा दिया गया। इसी के लिए मोदी और अमित शाह है। 

370 हटने के पहले क्या हुआ?

कपिल पाटिल ने आगे कहा कि, हमें एक तरह से बंद कर रखा गया था। सख्त़ सूचना दी गई थी कि कोई भी जाए नहीं, दिल्ली छोड़ना नहीं। अधिवेशन चल रहा था। शुक्रवार को सभी को घर जाने की हड़बड़ी होती है। हमें मंगलवार को ही बोल दिया गया था कि कोई भी दिल्ली छोड़कर न जाए। 

मंत्री का घर पानी में डूबा था लेकिन वो घर नहीं जा सकें

पाटिल ने अपनी आपबिती सुनाते हुए कहा कि, एक दिन मुझे घर से वीडियो भेजा गया.. वो बरसात के दिन थे। 5 अगस्त को ऐलान हुआ था। उसके चार पांच दिन पहले की बात है। मेरे घर पर दो ढाई फीट पानी भर गया था। प्रह्लाद जोशी संसदीय कार्यमंत्री हैं। मैंने उन्हे वीडियो दिखाया। मैने उनसे कहा सर, मेरे घर में पानी भरा है। मैं एयरपोर्ट से 40 किलोमीटर दूर रहता हूं। अमित भाई ने कहा कि जिसको भी जाना है वो मेरे अनुमति के बिना नहीं जाएगा। मैं हिम्मत कर अमित भाई के दफ्तर गया। मैंने हाथ आगे कर उनको वीडियो दिखाया लेकिन उन्होने वीडियो देखा भी नहीं। 

अगले हफ्ते के पांच तारीख को वो बिल आने वाला था और मैं हफ्तेभर पहले मंगलवार या बुधवार को अमित भाई के पास गया था। अमित भाई ने कहा भैया ठीक है, अगले गुरुवार को जाकर पानी निकाल लेना। पानी क्या मेरा इंतजार करता रहेगा घर पर। मैं समझ गया था कि किसी का कितना ही अहम काम हो लेकिन किसी को जाने नहीं दिया जाएगा। 

जब राजनाथ सिंह ने कहा 'नहीं बता सकता'

कपिल पाटिल ने कहा हमें लग रहा था की 370 निकाल देंगे। लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनेगा इसका जरा भी किसी को अंदाजा नहीं था। 35 A जाएगा ये तो किसी ने सोचा भी नहीं था। इसलिए लगा कि ज्यादा से ज्यादा 370 जाएगा। कैबिनेट बैठक हुई । सबसे पहले राजनाथ सिंह संसद पहुंचे। करीब 40-50 सांसद राजनाथ सिंह को घेरकर खड़े हो गए। झारखंड के सांसद निशिकांत दूबे ने राजनाथ को पूछा 'सर, क्या हो रहा है कुछ तो बताओ'... इस सवाल पर राजनाथ ने कहा 'नहीं बता सकता'.. फिर किसी ने पुछा सर 370 जा रहा है? तो राजनाथ ने कहा नहीं.. उससे भी ज्यादा। फिर किसी और ने पूछा सर, 35A जा रहा है? फिर राजनाथ ने कहा, नहीं.. उससे भी ज्यादा। 

हम सोच में पड़ गए कि इन दोनो से बड़ा क्या होगा। फिर हम लोकसभा छोड़कर राज्यसभा के बालकनी में चले गए। उस समय राज्यसभा के विजिटर बालकनी में लोकसभा के 100-150 सांसद बैठे थे। क्योंकि, देश में चर्चा ऐसी थी कि ये बील राज्यसभा में पास नहीं होगा। और अपने दोनो चाणक्य ऐसे है की वो सबसे पहले इस बील को राज्यसभा ही लेकर गए। लोकसभा में हमारे 304 सांसद है। मित्र दल के साथियों को मिलाकर 334 हो जाते है। इसलिए परेशानी कुछ भी नहीं थी। सभी को डर था कि राज्यसभा में ये बील पास नहीं हो सकता है इसलिए पहले वहीं बिल लाया गया। 

अमित भाई ने राज्य ही अलग कर दिया। राजनाथ जो कह रहें थे उससे भी ज्यादा तो वो यही था।  वहां (राज्यसभा) के कुछ लोगों को मैनेज कर लिया था.. तो कुछ राज्यसभा सांसदों को पहले ही विदेश में टूअर पर भेज दिया था। उन्होने जो इतनी तैयारी की थी उसी वजह से ये सब हो पाया।

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