Highlights
- जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी के कारण कई फ्लाइट्स कैंसिल
- कश्मीर का देश के बाकी हिस्सों से हवाई संपर्क टूट गया
- रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में इस मौमस की पहली बर्फबारी हुई
श्रीनगर: कश्मीर में भारी हिमपात के कारण शनिवार को यहां हवाई अड्डे पर दृश्यता बहुत कम हो गई जिसके कारण यहां से सभी निर्धारित उड़ानें रद्द कर दी गई। इसके बाद कश्मीर का देश के बाकी हिस्सों से हवाई संपर्क टूट गया। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को यहां दोपहर बाद शुरू हुई बर्फबारी कश्मीर घाटी के अधिकतर स्थानों पर दिन भर जारी रही। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘श्रीनगर हवाई अड्डे से संचालित होने वली सभी 40 उड़ानों को हिमपात के कारण रद्द करना पड़ा।’’
उन्होंने कहा कि बर्फबारी से हवाई अड्डे पर दृश्यता 600 मीटर से भी कम हो गई। अधिकारी ने कहा कि कम दृश्यता से संबंधित समस्याओं का जल्द ही समाधान किया जाएगा क्योंकि इस साल नवंबर तक हवाईअड्डे पर एक उन्नत उपकरण लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा, "कैट-द्वितीय आईएलएस की स्थापना अप्रैल 2022 में शुरू होगी और नवंबर 2022 तक पूरी हो जाएगी। उम्मीद है कि हम अगले साल इन कठिनाइयों का सामना नहीं करेंगे।" अधिकारी ने यात्रियों को अपनी उड़ानों को पुनर्निर्धारित करने की सलाह देते हुये कहा कि एयरलाइनों द्वारा यह मुफ्त में की जाएगी। उन्होंने कहा, "यदि यात्री अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला करते हैं तो उन्हें पूरा धन वापस किया जायेगा।’’
कश्मीर से आने-जाने वाला हवाई यातायात पिछले कुछ दिनों में बुरी तरह प्रभावित हुआ है और कम दृश्यता के कारण बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। इस बीच, उन्होंने बताया कि श्रीनगर में शुक्रवार रात न्यूनतम तापान 0.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गुलमर्ग में शून्य से 4.6 डिग्री नीचे, पहलगाम में शून्य से 0.2 डिग्री सेल्सियस नीचे, काजीगुंड में शून्य डिग्री, कोकेरनाग में शून्य से 0.9 डिग्री नीचे और कुपवाड़ा में शून्य डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
कश्मीर में 40 दिन का 'चिल्लई कलां' का दौर 21 दिसंबर से शुरू हो गया। इस दौरान क्षेत्र में कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाती है, जिससे यहां की प्रसिद्ध डल झील के साथ-साथ घाटी के कई हिस्सों में पानी की आपूर्ति लाइनों सहित जलाशय जम जाते हैं। इस दौरान अधिकतर इलाकों में बर्फबारी की संभावना भी सबसे अधिक रहती है और खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में भारी हिमपात होता है। ‘चिल्लई कलां’ के 31 जनवरी को खत्म होने के बाद, 20 दिन का ‘चिल्लई-खुर्द’ और फिर 10 दिन का ‘चिल्लई बच्चा’ का दौर शुरू होता है। इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण 136 किलोमीटर लंबे बनिहाल-बारामूला रेलखंड पर भी रेल सेवा बाधित हुई।
इस बीच, रियासी जिले में स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में इस मौमस की पहली बर्फबारी हुई। अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के वैष्णो देवी में चार इंच बर्फबारी हुई और भैरो घाटी समेत ऊंचाई वाले इलाके भारी बर्फबारी के कारण ढक गए। यात्रा सुचारू रूप से जारी है, लेकिन खराब मौसम के कारण बैटरी कार सेवा और हेलीकॉप्टर सेवा बाधित हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में शुक्रवार दोपहर को जारी हुई बर्फबारी रात को अधिकतर स्थानों पर जारी रही। ताजा जानकारी मिलने तक घाटी में कई स्थानों पर रुक-रुक कर बर्फबारी जारी रही।
(इनपुट- एजेंसी)