Highlights
- बिना शर्त लिखित माफी मांगने को कहा
- पवन खेड़ा, जयराम रमेश, नेटा डिसूजा और कांग्रेस को भेजा नोटिस
- स्मृति ईरानी की बेटी पर गोवा में अवैध बार चलाने का आरोप
Smriti Irani: गोवा के 'सिली सोल्स कैफे एंड बार' को लेकर छिड़े विवाद में अब एक नया मोड़ ले लिया है। केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अब कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंने बेटी जोइश ईरानी पर आरोप लगाने के बाद कांग्रेस को कानूनी नोटिस भेजा है। स्मृति ईरानी की तरफ से उनके वकील ने कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस के नेता जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेटा डिसूजा को नोटिस भेजा है। कांग्रेस का आरोप है कि केन्द्रीय मंत्री का परिवार गोवा में ये बार चलाता है और शराब का लाइसेंस लेने के लिए इस बार ने जालसाजी की है।
दरअसल ये पूरा मामला तब सामने आया जब गोवा के आबकारी आयुक्त ने 'सिली सोल्स कैफे एंड बार' को नियमों और प्रक्रियाओं को लेकर शराब लाइसेंस लेने के मामले में एक कारण बताओ नोटिस जारी किया। इस मामले में शिकायतकर्ता की शिकायत में आरोप लगाया गया कि बार को शराब का लाइसेंस तब भी जारी किया गया, जब इसके पास रेस्टोरेंट का कोई लाइसेंस नहीं है। वहीं शराब के लाइसेंस का रिनिवल जून में ऐसे शख्स के नाम पर किया गया जिसकी मई में ही मौत हो चुकी थी। इसे ही आधार बनाकर कांग्रेस ने गोवा के 'सिली सोल्स कैफे एंड बार' को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसी पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी 18 वर्षीय बेटी पर टिप्पणी करने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, जयराम रमेश, नेटा डिसूजा और कांग्रेस को कानूनी नोटिस भेजा और उनसे बिना शर्त लिखित माफी मांगने और आरोपों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने के लिए कहा है।
क्या है पूरा मामला
कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर गोवा में "अवैध बार" चलाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने मंत्रिमंडल से ईरानी को बर्खास्त करना चाहिए। स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के इस आरोप को दुर्भावनापूर्ण करार देते हुए दावा किया कि नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया और राहुल गांधी की ‘‘5,000 करोड़ रुपये की लूट’’ पर उनके मुखर रुख के कारण उनकी बेटी को निशाना बनाया गया है। कांग्रेस के मीडिया एंड पब्लिसिटी हेड पवन खेड़ा ने मीडिया से कहा था कि "केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। गोवा में उनकी बेटी द्वारा चलाए जा रहे रेस्त्रां पर शराब परोसने के लिए फ़र्ज़ी लाइसेंस जारी करवाने का आरोप लगा है और यह कोई ‘सूत्रों के हवाले से’ या एजेंसियों द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए लगाया गया आरोप नहीं है, बल्कि सूचना का अधिकार (RTI) के तहत प्राप्त जानकारी में खुलासा हुआ है।"
जयराम रमेश ने भी उठाए सवाल
पवन खेड़ा ने दावा किया, "केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी ने अपने ‘सिली सोल्स कैफे एंड बार’ के लिए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ देकर 'बार लाइसेंस' जारी करवाए।" खेड़ा के मुताबिक, "22 जून 2022 को लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए जिस 'एंथनी डीगामा' के नाम से आवेदन किया गया, उनकी पिछले साल मई में ही मौत हो चुकी है। एंथनी के आधार कार्ड से पता चला है कि वे मुंबई के विले पार्ले के निवासी थे। RTI के तहत सूचना मांगने वाले वकील को इनका मृत्यु प्रमाण-पत्र भी मिला है।" खेड़ा ने दावा किया, "दस्तावेजों से यह भी पता चला है कि बार लाइसेंस के लिए आवश्यक रेस्तरां लाइसेंस के बिना ही बार लाइसेंस जारी किये गए।" उन्होंने कहा, "हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि तत्काल प्रभाव से स्मृति ज़ुबिन ईरानी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए।" खेड़ा ने यह सवाल भी किया, ‘‘स्मृति ईरानी को बताना चाहिए ये धांधली किसके इशारे पर हो रही है? अवैध कार्यों को अंजाम देने के पीछे कौन है? जो स्मृति ईरानी कल तक राहुल गांधी जी और सोनिया गांधी जी को लेकर तरह-तरह के सवाल पूछ रही थीं, वो आज अपने पारिवारिक भ्रष्टाचार पर चुप क्यों है?’’
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक सवाल के जवाब में यह भी कहा, ‘‘हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री तत्काल स्मृति ईरानी को हटाएं। यह सिर्फ आरोप नहीं है। इसके सारे कागजात सामने हैं। यह सब हुआ है, क्योंकि एक प्रभावशाली मंत्री इसके पीछे हैं। 2004 में स्मृति ईरानी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा था। आज प्रधानमंत्री उनका इस्तीफा लें।’’
केंद्रीय मंत्री ने आरोपों को नकारा
स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मेरी बेटी की गलती यह है कि उसकी मां सोनिया और राहुल गांधी की 5,000 करोड़ रुपये की लूट पर संवाददाता सम्मेलन करती है। उसकी गलती यह है कि उसकी मां ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा।’’ स्मृति ईरानी की बेटी की ओर से इन आरोपों को खारिज किया गया है। केंद्रीय मंत्री की पुत्री के वकील कीरत नागरा ने एक बयान में कहा कि उनकी मुवक्किल 'सिली सोल्स" नामक रेस्त्रां की न तो मालकिन है, और न ही इसका संचालन करती हैं और किसी प्राधिकार की तरफ से उन्हें कोई ‘कारण बताओ नोटिस’ भी नहीं मिला है। नागरा ने आरोपों को निराधार करार देते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वे लोग सिर्फ इसलिए दुष्प्रचार कर रहे हैं, ताकि तथ्यों की जांच-परख किये बिना मुद्दाविहीन बात को सनसनी बनाकर पेश किया जा सके और वे मेरी मुवक्किल को सिर्फ इसलिए बदनाम करने पर आमादा हैं कि वह एक नेता की बेटी हैं।"