भारत और चीन के बीच हुए समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में हालात बेहतर हुए हैं। दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने लगी हैं। देपसांग और डेमचॉक में स्थानीय कमांडर स्तर की मीटिंग 22 अक्टूबर यानी मंगलवार से शुरू हुई थी। इस मीटिंग में दोनों देशों के बीच सहमति बनी और अब सेनाएं पीछे हटने लगी हैं। बुधवार को डेमचॉक में दोनों तरफ से एक-एक टेंट हटाया गया। गुरुवार को भी कुछ टेंपरेरी स्ट्रक्चर भी तोड़े गए हैं। आज सुबह तक लगभग 40 प्रतिशत डिसइंगेजमेंट हो चुका है, चीनी सेना और भारतीय सेना की ओर से अस्थायी संरचना और बेस हटा दिए गए हैं। आज दोनों पक्ष डेमचोक और देपसांग में फिजिकल वेरिफिकेशन और हवाई रिकॉर्डिंग कर सकते हैं। यही वह जगह है, जहां टकराव हुआ था।
चीनी और भारतीय सेना के दो कमांडरों के बीच हॉटलाइन वार्ता हुई, जिसमें पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में चर्चा हुई। इसके बाद स्थान की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई और डेमचोक और देसांग में शांति और सौहार्द बनाए रखने पर जोर दिया गया।डेमचॉक में भारतीय सैनिक चार्डिंग नाले के पश्चिम की तरफ पीछे की ओर जा रहे हैं और चीनी सैनिक नाले के दूसरी तरफ यानी पूरब की तरफ वापस जा रहे हैं। दोनों तरफ से करीब 10-12 टेंपरेरी स्ट्रक्चर बने हैं और दोनों तरफ से करीब 12- 12 टेंट लगे हैं, जो हटने हैं।
4-5 दिनों में पेट्रोलिंग शुरू होने की उम्मीद
देपसांग में चीनी सेना के टेंट नहीं हैं, लेकिन उन्होंने गाड़ियों के बीच में तिरपाल लगाकर टेंपरेरी शेल्टर बनाए हैं। गुरुवार को यहां से भी चीनी सैनिकों ने अपनी कुछ गाड़ियां कम की हैं। भारतीय सेना ने भी कुछ सैनिकों की संख्या गुरुवार को यहां से कम की। ये प्रक्रिया पूरी होने के बाद देपसांग और डेमचॉक में अगले 4-5 दिनों में पेट्रोलिंग शुरू होने की उम्मीद है। बैठक में तय किया गया है कि दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडर आगे के घटनाक्रम और एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए दिन में दो बार बातचीत करेंगे। गलवान और अन्य 3 बफर जोन या ऐसे क्षेत्र पर कोई और अपडेट नहीं है, जहां अभी तक पेट्रोलिंग नहीं हुई है। कोर कमांडर स्तर की वार्ता जल्द ही होगी, लेकिन समय तय नहीं हुआ है।
रक्षामंत्री बोले- देर-सवेर समाधान निकलेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चाणक्य डिफेंस डायलॉग के मंच पर चीन के साथ LAC पर बने तनाव पर कहा कि भारत और चीन बॉर्डर एरिया LAC के कुछ क्षेत्रों में अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तरों पर बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बातचीत से समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए सहमति बन गई है। राजनाथ ने कहा कि भारत और चीन के बीच अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है। बातचीत के बाद, समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों के आधार पर जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए सहमति बनी है। पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त और आसपास के पशुपालकों के पशुओं की चराई भी सहमति के बिंदुओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि बातचीत जारी रहने से देर-सवेर इस मुद्दे पर समाधान जरूर निकलेगा।