अपराध जांच विभाग के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ दुष्कर्म मामले और उनके पिता एवं विधायक एच डी रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है। प्रज्वल के खिलाफ चार मामलों की जांच कर रही एसआईटी ने कहा कि 2,000 से अधिक पृष्ठों के आरोपपत्र में करीब 150 गवाहों के बयान दर्ज हैं। एक विशेष अदालत में जो आरोपपत्र दाखिल किया गया है उसमें रेवन्ना परिवार की एक घरेलू सहायिका के कथित यौन शोषण से जुड़े आरोप भी शामिल हैं। आरोपपत्र में घटनास्थल का निरीक्षण, जैविक, भौतिक, वैज्ञानिक, मोबाइल, डिजिटल तथा अन्य प्रासंगिक साक्ष्य शामिल हैं।
प्रज्वल रेवन्ना पर लगीं ये धाराएं
एसआईटी ने बताया कि आरोपपत्र दाखिल किए जाने से पहले विशेषज्ञ की राय भी ली गयी है। पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्यूलर) प्रमुख एच डी देवेगौड़ा के बेटे एवं विधायक रेवन्ना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354 (ए) के तहत आरोप लगाए गए हैं जबकि उनके 33 वर्षीय बेटे प्रज्वल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376 (2) (के), 354, 354 (ए) और 354 (बी) के तहत आरोप लगाए गए हैं। पिता-पुत्र के खिलाफ पहली शिकायत उनके आवास पर घरेलू सहायिका रही महिला ने दर्ज कराई थी। पीड़िता विधायक की पत्नी भवानी की रिश्तेदार भी है।
पीड़िता ने कहा- उसने कई बार यौन उत्पीड़न किया
उसने आरोप लगाया कि उसका कई बार यौन उत्पीड़न किया गया। प्रज्वल ने हासन सीट से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार के तौर पर हाल में लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह हार गया था। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले सोशल मीडिया पर कई अश्लील वीडियो सामने आए जिसमें प्रज्वल द्वारा कई महिलाओं का यौन शोषण करते हुए देखा गया। इसके बाद कर्नाटक राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष नागलक्ष्मी चौधरी ने जांच की मांग की और कांग्रेस सरकार को इस संबंध में पत्र लिखा। इसके बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए।