उत्तरकाशी : उत्तरकाशी के सिल्कयारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों और उनके परिजनों के लिए राहत भरी खबर है। टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान तेज हो गया है। एनडीआरएफ की टीम टनल में दाखिल हो चुकी है। वहीं 41 श्रमिकों के लिए एक अस्थाई अस्पताल भी तैयार है। सिल्कयारा में सुरंग के अंदर फंसे 41 लोगों को बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है। नेशनल वैक्सीन वैन भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। माना जा रहा है कि सुबह 8 बजे तक श्रमिकों को टनल से निकाला जा सकता है। इससे पहले मिली जानकारी के मुताबिक 67% ड्रिलिंग पूरी हो गई थी वहीं क्षैतिज पाइप 42 मीटर तक डाल दिया गया था। कुछ घंटों में अच्छी खबर मिलने की उम्मीद जताई गई है। टनल के सुरक्षित हिस्से में बिजली और पानी की आपूर्ति चालू है। श्रमिकों को पके हुए भोजन और दवाएं पाइपलाइन द्वारा पहुंचाई जा रही हैं। रेस्क्यू टीम के साथ श्रमिकों का वीडियो कम्यूनिकेशन भी हुआ, जिससे टनल में फंसे श्रमिकों का मनोबल बढ़ा है।
टनल विशेषज्ञ साइट पर मौजूद
श्रमिकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों को तैनात किया गया है और हरेक को खास काम सौंपा गया है। बचाव अभियान पर सलाह देने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टनल विशेषज्ञ साइट पर मौजूद हैं। झारखंड सरकार के संयुक्त श्रम आयुक्त राजेश प्रसाद ने बताया कि टनल में फंसे हुए 41 श्रमिकों में से 15 झारखंड (जिले - गिरिडीह, रांची, पूर्वी सिंहभूम, खूंटी) से हैं। उत्तरकाशी में झारखंड सरकार की टीम तैयार है। टनल से बाहर निकलने के बाद सभी 15 मजदूरों को देहरादून से रांची एयरलिफ्ट किया जाएगा। डॉक्टरों की टीम द्वारा मेडकल फिट घोषित किए जाने के बाद एयरलिफ्ट किया जाना है।
कई स्तर पर रेस्क्यू की कोशिश जारी
रेस्क्यू टीम द्वारा वायर कनेक्टिविटी के साथ कम्यूनिकेशन सिस्टम डेवलप किया गया है ताकि टनल में फंसे श्रमिकों के साथ साफ तौर पर बातचीत हो सके। वहीं एनएसआईडीसीएल ने ऑगर बोरिंग मशीन से मजदूरों को बचाने के लिए सिल्क्यारा की तरफ से एक और क्षैतिज बोरिंग शुरू की जिसमें 42 मीटर पाइप डाले चा चुके हैं। एसजेवीएनएल द्वारा वर्टिकल ड्रिलिंग की जा रही है। इस प्रकार कई स्तर पर रेस्क्यू के प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे मलबे के दूसरी ओर श्रमिक फंस गए थे, जिन्हें निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है।