उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने और तीस्ता नदी में आए सैलाब के कारण बड़ी तबाही हुई है। इस प्राकृतिक आपदा ने इलाके में तैनात भारतीय सेना को भी नुकसान पहुंचाया और 23 जवान लापता हो गए। अब सेना के अधिकरियों ने जानकारी दी है कि लापता जवानों में से एक जवान को रेस्क्यू कर लिया गया है। जवान को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
कैसे आई बाढ़?
बुधवार को उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक बादल फटने की घटना हुई। इसके साथ ही चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जल स्तर अचानक बढ़ गया। इस वजह से इलाके में तबाही मच गई। अचानक आए इस सैलाब में बहने से 8 लोगों की मौत हो गई जबकि सेना के 23 जवान लापता हो गए। करीब 41 वाहन भी बाढ़ के कारण आए कीचड़ में दब गए।
जरूरी पुल भी बहा
तीस्ता नदी में बाढ़ आने के कारण गंगटोक जिले में सिंगताम पर बना लोहे का एक पुल भी पूरी तरह बह गया। 120 मीटर लंबा यह संस्पेंशन पुल तीस्ता नदी पर बना एक महत्वपूर्ण मार्ग था। राज्य के मुख्यमंत्री पी एस तमांग ने तीस्ता नदी बेसिन में अचानक आई बाढ़ के कारण हुए नुकसान का आकलन करने के लिए सिंगताम का दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ से पैदा हुई चुनौतियों से निपटने और स्थिति पर नजर रखने को कहा। पीएम मोदी ने भी सिक्किम के मुख्यमंत्री से बात कर के दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। पीएम ने उन्हें इस चुनौती से निपटने में हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
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