Highlights
- किसकी है शिवसेना? आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
- मामले को 5 जजों की बेंच को सौंपा जाए या नहीं, आज तय होगा
- शिंदे गुट के वकील संविधान पीठ बनाकर सुनवाई की मांग कर सकते हैं
Shinde VS Thackeray: शिवसेना पर किसका अधिकार है? ये सवाल अभी भी जिंदा है। इसके अलावा 16 बागी विधायकों की अयोग्यता का मामला भी अभी चल रहा है। इन दोनों मुद्दों पर आज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई होगी। आज कोर्ट में ये बात तय की जाएगी कि इस मामले को 5 जजों की बेंच को सौंपा जाए या नहीं। खबर ये भी है कि शिंदे गुट के वकील संविधान पीठ बनाकर सुनवाई की मांग कर सकते हैं।
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि हमारे ऊपर अयोग्यता का आरोप गलत है। हम अभी भी शिवसैनिक हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट में उद्धव ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल का कहना था कि शिंदे गुट में जाने वाले विधायक अयोग्यता से बच नहीं सकते, जब तक वह अलग हुए गुट का किसी अन्य पार्टी में विलय नहीं कर देते।
मामला चुनाव आयोग के पास
बता दें कि ये मामला चुनाव आयोग के पास भी गया है। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों से इस बात के प्रमाण मांगे थे कि शिवसेना पार्टी पर किसका अधिकार है। आज दोपहर 1 बजे तक ये दस्तावेज सौंपे जाने हैं। इसके बाद मामले की सुनवाई चुनाव आयोग करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग के वकील को बुलाया है।
क्या था महाराष्ट्र सियासी संकट
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार थी और वह सीएम थे। लेकिन 20 जून 2022 को शिवसेना के 15 विधायक 10 निर्दलीय विधायकों के साथ पहले सूरत और फिर गुवाहाटी चले गए। इसके बाद 23 जून को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि उनके पास शिवसेना के 35 विधायकों का समर्थन है। बाद में महाराष्ट्र में काफी सियासी घमासान मचा और बयानबाजी हुई।
28 जून को राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहा लेकिन 9 जून को सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक लगाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और 30 जून को एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस उप मुख्यमंत्री बन गए। 3 जुलाई को शिंदे ने विश्वास मत हासिल कर लिया।