शिमलाः संजौली मस्जिद मामले में ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की याचिका को शिमला जिला अदालत ने खारिज कर दिया गया है। कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को बरकरार रखा है। इसके मुताबिक संजौली मस्जिद से अवैध हिस्सा हटाने का काम जारी रहेगा। मुस्लिम वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन ने नगर निगम आयुक्त की अदालत के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दी थी।
नगर निगम आयुक्त की अदालत ने दिया था ये आदेश
इससे पहले नगर निगम आयुक्त की अदालत ने संजौली मस्जिद कमेटी के हलफनामे के आधार पर मस्जिद से ऊपर की तीन मंजिलें दो महीने के भीतर हटाने के आदेश दिए थे। इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन जिला अदालत अदालत पहुंचा था। वहीं संजौली मस्जिद को लेकर नगर निगम आयुक्त की अदालत में मामला विचाराधीन है और अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होनी है।
हाई कोर्ट में आदेश को चुनौती दे सकता है मुस्लिम पक्ष
याचिकाकर्ता ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन के वकील विश्व भूषण ने कहा कि अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। इस मामले को हाई कोर्ट में चुनौती देने के सवाल पर विश्व भूषण ने कहा कि इसका फैसला ऑर्डर पढ़ने के बाद करेंगे। विषय भूषण ने बताया कि संजौली मस्जिद कमेटी और कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ के अदालत में हलफनामा देने की योग्यता को उन्होंने अदालत में चुनौती दी थी।
संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने दी ये जानकारी
संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा की अदालत ने मुस्लिम वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन की याचिका को खारिज कर दिया है। अब संजौली मस्जिद को लेकर नगर निगम आयुक्त का फैसला बरकरार रहेगा। लतीफ ने कहा कि मस्जिद से छत और ऊपर की एक मंदिर हटाने का काम हो चुका है। साथ ही मजदूर की उपलब्धता न होने के चलते अब मार्च तक मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने का काम नहीं हो पाएगा।
वहीं, लोकल रेजिडेंट्स के वकील जगतपाल ने जिला अदालत की फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में हाई कोर्ट के आदेश हैं कि जल्द से जल्द इस मामले को निपटाया जाए। ऐसे में उन्होंने उम्मीद जताई है कि नगर निगम का मामले पर अंतिम निर्णय आएगा।