Highlights
- 'कुछ लोग पीएम की चुप्पी को समर्थन के तौर पर देख रहे'
- ईशनिंदा कानूनों को पसंद नहीं करता: कांग्रेस नेता
- कांग्रेस को आक्रामक रुख अपनाने पर क्या बोले थरूर
Shashi Tharoor on Prophet Row: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद बयान को लेकर पैदा हुए आक्रोश के बीच कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में घृणास्पद भाषण और इस्लामोफोबिया की घटनाओं के बढ़ने पर अपनी चुप्पी तोड़ें।
थरूर ने एक इंटरव्यू में कहा कि विडंबना यह है कि हाल के सालों में भारत सरकार ने इस्लामी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए जो प्रभावशाली कदम उठाए हैं, उनके कमजोर होने का खतरा पैदा हो गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने देश में ईशनिंदा कानूनों की आवश्यकता पर चल रही बहस की भी बात की और कहा कि वह ऐसे कानूनों को पसंद नहीं करते, क्योंकि दूसरे देशों में इन कानूनों का इतिहास इसके दुरुपयोग के मामलों से भरा पड़ा है।
'कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बिना किसी डर या पक्षपात के कार्रवाई हो'
थरूर ने कहा, "ईशनिंदा कानून से उन लोगों को मनगढ़ंत मुकदमेबाजी और लोगों को बहकाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है, जो कानून को अपने हाथ में लेते हैं। मुझे लगता है कि हमारे वर्तमान अभद्र भाषा कानून और धारा 295ए इस तरह के दुर्व्यवहार से निपटने के लिए पर्याप्त हैं।" उन्होंने कहा कि पुलिस और स्थानीय अधिकारियों को चाहिए कि वे कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बिना किसी डर या पक्षपात के कार्रवाई करें।
पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी को लेकर कई मुस्लिम-बहुल देशों की नाराजगी और इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी के हस्तक्षेप की अपील संबंधी सवाल पर थरूर ने कहा, ''मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री हमारे देश में अभद्र भाषा और इस्लामोफोबिया की घटनाओं के बढ़ने पर अपनी चुप्पी तोड़ें, क्योंकि कुछ लोग उनकी चुप्पी को, जो कुछ हो रहा है, उसके समर्थन के तौर पर देख रहे हैं।''
'पीएम को सार्वजनिक रूप से इस तरह के व्यवहार को रोकने का आह्वान करना चाहिए'
उन्होंने कहा, ''मुझे यकीन है कि पीएम मोदी समझते हैं कि इस तरह की विभाजनकारी बयानबाजी भारत के विकास और समृद्धि को लेकर उनके खुद के दृष्टिकोण को कमजोर कर रही है।'' थरूर ने जोर देकर कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए सामाजिक एकता व राष्ट्रीय सद्भाव जरूरी है। उन्होंने कहा, "'इसलिए, 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' के नाम पर, उन्हें सार्वजनिक रूप से इस तरह के व्यवहार को रोकने का आह्वान करना चाहिए।''
उन्होंने कहा, ''मुझे यह देखकर खुशी हुई कि हमारे राष्ट्रीय विमर्श में ऐसे जहरीले तत्वों को डालने वालों के खिलाफ देर से ही सही, कार्रवाई की जा रही है।'' यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस पर अतीत में नरम हिंदुत्व को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं और क्या पार्टी को पैगंबर के बारे में टिप्पणियों जैसे अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर आक्रामक रुख अपनाने की जरुरत है, इस पर थरूर ने कहा कि उनका मानना है कि कांग्रेस ने इस हालिया घटना की स्पष्ट रूप से निंदा की है।