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Sharjeel Imam: जेल में बंद शरजील इमाम की कोठरी से पकड़ा गया ‘प्रतिबंधित' सामान, तिहाड़ जेल के प्राधिकारियों ने अदालत में क्या बताया

Sharjeel Imam: तिहाड़ जेल में बंद जेएनयू के शोधार्थी और दिल्ली साम्प्रदायिक दंगों के आरोपी शरजील इमाम की कोठरी से जेल प्राधिकारियों को ऐसा सामान मिला है जो जेल में प्रतिबंधित है।

Edited By: Swayam Prakash @@SwayamNiranjan
Published : Aug 01, 2022 20:42 IST, Updated : Aug 01, 2022 20:42 IST
Banned item found from Sharjeel Imam's cell in Tihar Jail
Image Source : FILE PHOTO Banned item found from Sharjeel Imam's cell in Tihar Jail

Highlights

  • शरजील इमाम की कोठरी से मिली हाथ की घड़ी
  • तिहाड़ जेल में बंद है दिल्ली दंगों का आरोपी शरजील
  • तिहाड़ के प्राधिकारियों ने दिल्ली की अदालत को बताया

Sharjeel Imam: तिहाड़ जेल में बंद जेएनयू के शोधार्थी और दिल्ली साम्प्रदायिक दंगों के आरोपी शरजील इमाम की कोठरी से जेल प्राधिकारियों को ऐसा सामान मिला है जो जेल में प्रतिबंधित है। तिहाड़ के प्राधिकारियों ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि दिल्ली साम्प्रदायिक दंगों के आरोपी शरजील इमाम की कोठरी की तलाशी के दौरान 30 जून को कलाई पर बांधी जाने वाली एक घड़ी मिली है, जो कि प्रतिबंधित सामान है। 

2020 से न्यायिक हिरासत में है शरजील इमाम

गौरतलब है कि शरजील इमाम पर नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है, जिसके कारण दिसंबर 2019 में कथित तौर पर जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय के बाहर हिंसा हुई थी। इमाम कथित भड़काऊ भाषणों के लिए राजद्रोह के आरोपों का भी सामना कर रहा है और वह जनवरी 2020 से न्यायिक हिरासत में है। पिछले महीने हुई तलाशी के बाद शरजील इमाम ने एक याचिका दायर करते हुए तलाशी लेने वाले ‘सेवादारों’ पर उनसे मारपीट करने का आरोप लगाया था। बता दें कि सेवादार कैदी होते हैं, जिन्हें अच्छे आचरण के बाद जेल प्राधिकारियों की मदद करने की अनुमति दी जाती है। 

सेवादारों को मिली कलाई पर बांधने वाली घड़ी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत की अदालत ने 23 जुलाई को सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद तिहाड़ जेल के अधिकारियों से उसके समक्ष पेश होने को कहा था। सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल प्राधिकारियों ने इस आरोप से इनकार कर दिया कि इमाम से मारपीट की गयी और इसके बजाय उस पर सेवादारों से गाली गलौज करने और तलाशी का विरोध करने का आरोप लगाया। जेल के एक अधिकारी ने अदालत में अपने मौखिक बयान में कहा, ‘‘शुरुआत में वह (इमाम) तलाशी का विरोध कर रहा था। यह उसका मुख्य एजेंडा था। इसके बाद उसने आरोप लगाया कि तीन लोग (सेवादार) उसकी किताबें फेंक रहे हैं। वह लगातार गाली गलौज करता रहा। इस बीच, सेवादारों को कलाई पर बांधने वाली एक घड़ी मिली। उसके पास एक बैग भी था, जिसकी तलाशी नहीं लेने दी गयी।’’ 

शरजील इमाम ने अदालत में रखी ये दलीलें
अधिकारी ने कहा कि घड़ी के बारे में पूछे जाने पर इमाम ने दावा किया था कि उसके पास आवश्यक अनुमति पत्र था, जो उसने एक किताब में रखा था और गलती से बिहार में अपने घर भेज दिया। अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी हम अनुमति पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह जेल प्राधिकारियों पर दबाव बनाने का इमाम का एक हथकंडा था। बहरहाल, इमाम की ओर से पेश वकील अहमद इब्राहिम ने इन दलीलों का विरोध किया और कहा कि कलाई पर बांधे जाने वाली घड़ी प्रतिबंधित नहीं, बल्कि निषिद्ध सामान है, जिसके लिए उसने 2020 में तत्कालीन जेल अधीक्षक से अनुमति ली थी। वकील ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से साफ है कि एक भी ऐसी घटना नहीं हुई, जब उसने तलाशी का विरोध किया हो। इसके बजाय वह बाहर आया और इस पर आपत्ति जतायी कि उसकी किताबों को जमीन पर फेंका जा रहा है। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 अगस्त की तारीख तय की गयी है। 

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