आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने वाली एक 17 वर्षीय छात्रा ने आत्महत्या कर ली। डिप्लोमा प्रथम वर्ष की छात्रा गुरुवार रात हॉस्टल की छत से छलांग लगा दी। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर चोट के कारण अगले दिन उसकी मौत हो गई। उसके परिवार को भेजे गए टेक्स्ट से पता चला कि छात्रा गहरे भावनात्मक पीड़ा से जूझ रही थी, क्योंकि उसने कैंपस में यौन उत्पीड़न का शिकार होने का खुलासा किया था।
रिपोर्ट नहीं करने की धमकी
उसने अपने मैसेज में बताया कि उसे कॉलेज, स्टाफ और फैकल्टी द्वारा उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। इस मुद्दे को संकाय के ध्यान में लाने के बावजूद उसको उनका समर्थन नहीं मिला, जिसके कारण उसे काफी निशाना हुई। यहां तक कि मामले को पुलिस में रिपोर्ट नहीं करने की धमकी भी दी गई। छात्रा ने अपने मैसेज में यह भी खुलासा किया कि अगर उसने इस मुद्दे को उजागर करने का प्रयास किया तो उसे सोशल मीडिया पर उसकी निजी तस्वीरें जारी करने की धमकी दी गई थी।
माता-पिता से मांगी माफी
उसने संकेत दिया कि कॉलेज में इस तरह के उत्पीड़न का सामना करने वाली वह अकेली नहीं थी, बल्कि कई अन्य लड़कियां भी इसी तरह की पीड़ा में हैं। अपने आखिरी मैसेज में नाबालिग ने अपने कठोर कदम के लिए अपने माता-पिता से माफी मांगी और कहा कि उसे लगता है कि उसके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है। उसे उम्मीद है कि उसकी आत्महत्या उस उत्पीड़न पर प्रकाश डालेगी जो उसने और अन्य लोगों ने सहा है।
तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन
तकनीकी शिक्षा आयुक्त चादलवाड़ा नागरानी ने शनिवार को घटना की व्यापक जांच के आदेश जारी किए। उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर विभाग ने मामले के तथ्य सामने लाने के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। पेंडुरथी सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रिंसिपल एन. चंद्र शेखर जांच अधिकारी हैं, जबकि धातुकर्म विभाग के प्रमुख के. रत्ना कुमार और विशाखापत्तनम सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज के सिविल इंजीनियरिंग व्याख्याता के. राज्य लक्ष्मी पैनल के सदस्य हैं।
पिता को व्हाट्सएप मैसेज भेजा
नागरानी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्रा ने अपने पिता को व्हाट्सएप मैसेज भेजकर कहा कि वह यह कदम इसलिए उठा रही है, क्योंकि कॉलेज में एक लेक्चरर द्वारा उसका यौन उत्पीड़न किया जा रहा है। उसने मैसेज कर यह भी कहा कि वह अकेली नहीं हैं, जो यौन उत्पीड़न का शिकार हुई है और अन्य लोग भी हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान में हुए इस जघन्य अपराध की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए उनके पास अपनी जिंदगी खत्म करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। नागरानी ने कहा कि विभाग बिना किसी देरी के अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई शुरू करेगा।
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