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22842 करोड़ रुपये के ‘सबसे बड़े घोटाले’ पर सनसनीखेज खुलासा, CBI ने जारी किया बयान

देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड घोटाले में आज CBI ने अनेक मुद्दों पर अपना अधिकारिक पक्ष सामने रखा।

Reported by: Abhay Parashar @abhayparashar
Updated : February 15, 2022 21:52 IST
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Image Source : PTI FILE Representational Image.

Highlights

  • CBI ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर कहा कि यह घोटाला साल 2005 से 2012 के बीच का है।
  • देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड घोटाले के 5 आरोपियों के खिलाफ CBI ने लुक आउट सर्कुलर जारी करा दिया है।
  • CBI ने कहा कि जांच में समय इसलिए लगा क्योंकि 2005 से खातों की जांच करनी पड़ी।

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड घोटाले के 5 आरोपियों के खिलाफ CBI ने लुक आउट सर्कुलर जारी करा दिया है। इसका मतलब यह है कि 22842 करोड़ रुपये के इस घोटाले के आरोपी अब देश छोड़कर नहीं जा सकते। CBI ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर कहा कि यह घोटाला साल 2005 से 2012 के बीच का है। साथ ही सीबीआई ने अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा कि कुछ राज्यों द्वारा CBI जांच से जनरल कंसेंट वापस लेने से भी उसे अनेक महत्वपूर्ण मामले दर्ज करने में परेशानी हो रही है और ऐसा करना उसके लिए एक बड़ी चुनौती है।

‘2005 से 2012 के बीच का है घोटाला’

बता दें कि महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने CBI जांच से जनरल कंसेंट वापस ले लिया है। देश के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड घोटाले में आज CBI ने अनेक मुद्दों पर अपना अधिकारिक पक्ष सामने रखा। CBI ने आधिकारिक तौर पर कहा कि उसे जांच के दौरान पता चला है कि ABG ग्रुप द्वारा किया गया यह सबसे बड़ा घोटाला साल 2005 से साल 2012 के बीच का है। FIR में अपराध होना साल 2012 से 2017 के मुद्दे पर CBI ने अधिकारिक तौर पर कहा कि बैंकों द्वारा इस घोटाले में जो फॉरेंसिक ऑडिट कराया गया यह उसकी अवधि है।

‘फॉरेंसिक ऑडिट में लग जाता है समय’
CBI ने कहा कि बैंकों में घोटालों के लिए जो फॉरेंसिक ऑडिट कराया जाता है उस के लिए 3 से 5 साल का समय लिया जाता है और यह अवधि वही है जिसे FIR में साल 2012 से साल 2017 दर्शाया गया है। CBI ने आधिकारिक तौर पर यह भी कहा कि इस मामले की FIR में ABG ग्रुप के प्रबंध निदेशक ऋषि कुमार अग्रवाल समेत जिन 5 लोगों के नाम हैं उन सभी के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करा दिया गया है यानी ये सभी आरोपी अब देश छोड़कर नहीं जा सकते।

‘देश के अंदर मिले घोटाले के सभी आरोपी’
बता दें कि इसके पहले 12,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी नीरव मोदी और उसका मामा चौकसी देश छोड़कर फरार हो गए थे। CBI ने कहा कि मामला दर्ज होने के बाद जब 13 जगहों पर छापेमारी की गई तो इन सभी आरोपियों को देश के अंदर ही पाया गया। CBI ने यह भी बताया कि इस मामले में साल 2019 में SBI ने इस मामले के मुख्य आरोपी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कराया था। वहीं, सूत्रों ने बताया कि CBI को 98 सहयोगी कम्पनियों का पता लगा है जिनमें पैसे इन्वेस्ट किए गए और जांच में समय इसलिए लगा क्योंकि 2005 से खातों की जांच करनी पड़ी।

CBI  ने 13 जगहों पर की थी छापेमारी
CBI का कहना है कि इस मामले में बैंक ने अगस्त 2020 में उसे शिकायत दी थी और उसके बाद अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच 28 बैंकों के समूह में से अनेक बैंकों ने ABG ग्रुप के खाते को फ्रॉड घोषित किया था। CBI ने इस मामले में पिछले सप्ताह मुकदमा दर्ज कर 13 जगहों पर छापेमारी की थी और अनेक महत्वपूर्ण जानकारियों एवं आरोपियों के बैंक खातों की डीटेल समेत संपत्तियों की जानकारी बरामद की थी। साथ ही CBI ने इस मामले में कुछ और दस्तावेजों एवं जानकारी के लिए 28 बैंकों के समूह से संपर्क साधा है मामले की जांच जारी है।

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