नई दिल्ली: भारत ने बृहस्पतिवार को लाल सागर में उभरती सुरक्षा स्थिति को ‘‘गंभीर चिंता का विषय’’ बताया और कहा कि वह क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों के घटनाक्रम पर पैनी नजर रख रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब अदन की खाड़ी में मार्शल द्वीप के ध्वज वाले एक वाणिज्यिक जहाज पर बुधवार रात ड्रोन हमला होने के बाद भारतीय नौसेना का मिसाइल विध्वंसक पोत ‘आईएनएस विशाखापत्तनम’ तुरंत मदद के लिए आगे आया, जहाज पर नौ भारतीयों सहित चालक दल के 22 सदस्य सवार थे।
दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग
जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘हम पूरी स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। यह न केवल भारत के लिए बल्कि दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है। वह लाल सागर की स्थिति पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। लाल सागर का रणनीतिक महत्व है क्योंकि वैश्विक व्यापार का लगभग 15 प्रतिशत बाब अल-मंडब जलडमरूमध्य के माध्यम से गुजरता है। गाजा में इजराइल के सैन्य हमले के जवाब में हुती आतंकी नवंबर से लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हमला कर रहे हैं। जायसवाल ने कहा, ‘‘जो कुछ हो रहा है, सुरक्षा स्थिति में गिरावट को लेकर हम चिंतित हैं।’’ उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना प्रमुख समुद्री मार्गों पर गश्त कर रही है। उन्होंने समुद्री क्षेत्र में नौवहन और वाणिज्य की स्वतंत्रता के संबंध में भारत के रुख पर जोर देते हुए कहा कि वे (नौसेना) भारतीय नौवहन जलमार्ग को सुरक्षित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हैं और दूसरों को भी सहयोग दे रही हैं। अमेरिका और ब्रिटेन पहले ही यमन में हुती विद्रोहियों के ठिकानों को निशाना बनाकर हवाई हमले शुरू कर चुके हैं।
हालात पर पैनी नजर
लाल सागर की स्थिति पर जायसवाल ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए चिंता का विषय है। हम उस क्षेत्र में नौवहन और वाणिज्य की स्वतंत्रता को बहुत महत्व देते हैं। वहां जो कुछ भी हो रहा है उसका असर न सिर्फ हम पर पड़ता है, बल्कि दुनिया भर में इतने सारे लोगों के आर्थिक और कई अन्य हितों पर भी पड़ता है।’’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम स्थिति पर पैनी नजर रख रहे हैं और उभर रही स्थिति की निगरानी कर रहे हैं।’’ तेहरान की अपनी हालिया यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन के साथ लाल सागर और अदन की खाड़ी की स्थिति पर चर्चा की। ईरान के अंदर कथित बलूच अलगाववादी शिविरों पर पाकिस्तान द्वारा जवाबी मिसाइल हमला करने के बारे में पूछे जाने पर, जायसवाल ने टिप्पणी करने से परहेज किया।
पाक आतंकी ठिकानों पर हमला
बुधवार को, भारत ने पश्चिमी पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए ईरान के घातक मिसाइल हमले का समर्थन करते हुए कहा कि वह उन कार्रवाइयों को समझता है जो देश आत्मरक्षा में करते हैं। सात अक्टूबर को इजराइली शहरों पर हमास के हमले के बाद दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजराइल पर फलस्तीनियों के खिलाफ नरसंहार का आरोप लगाने के बारे में पूछे जाने पर, जायसवाल ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया, लेकिन कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष पर भारत की स्थिति सुसंगत रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी स्थिति सुसंगत रही है। हमने आतंकवाद की निंदा की है। हमने बंधकों की रिहाई का आह्वान किया और नागरिकों की सुरक्षा की मांग की है। हमने मानवीय सहायता का भी आह्वान किया और हम दीर्घकालिक रूप से दो-राष्ट्र समाधान के पक्ष में हैं।’’ (इनपुट-भाषा)