Thursday, December 19, 2024
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अरुणाचल सीमा से आई सैटेलाइट तस्वीरों ने उड़ाया होश, भारतीय जमीन पर इस तरह कब्जा चाह रहा चीन

Satellite Pictures of Arunachal Border Tell the reason for Tawang Clash: अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सेना और भी अधिक चौकस हो गई है। इस दौरान अरुणाचल के बॉर्डर से सामने आई कई सैटेलाइट तस्वीरों ने चीनी साजिश की पोल खोल दी है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published : Dec 13, 2022 20:03 IST, Updated : Dec 13, 2022 20:03 IST
अरुणाचल बॉर्डर पर सैटेलाइट तस्वीरों में देखे गए चीनी गांव
Image Source : IANS अरुणाचल बॉर्डर पर सैटेलाइट तस्वीरों में देखे गए चीनी गांव

Satellite Pictures of Arunachal Border Tell the reason for Tawang Clash: अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे तवांग क्षेत्र में 9 दिसंबर को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद सेना और भी अधिक चौकस हो गई है। इस दौरान अरुणाचल के बॉर्डर से सामने आई कई सैटेलाइट तस्वीरों ने चीनी साजिश की पोल खोल दी है। तस्वीरों में साफ देखा गया है कि चीन धीरे-धीरे भारत की जमीन पर कब्जा जमाने के लिए क्या-क्या साजिश करता आ रहा है। ऐसी चीनी चाल के बारे में जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे।

भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई ताजा झड़प की बात सार्वजनिक होने के एक दिन बाद की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग से सटी भारत-चीन सीमा के किनारे कई गांव बसा दिया है। इसके लिए चीन की पीपल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने सड़कों का भी निर्माण कर दिया है। भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि 9 दिसंबर को करीब 300 चीनी सैनिक एक सुनियोजित साजिश के तहत 17,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित यांग्त्सी क्षेत्र की पहाड़ी चोटी पर एकतरफा नियंत्रण हासिल करने के लिए एलएसी के पास पहुंचे थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। चीनी सैनिकों को मौके से भागने के लिए मजबूर होना पड़ गया।

गांव बसा कर धीरे-धीरे सीमा के विवादित क्षेत्रों पर कब्जा चाह रहा चीन

चीन ने भारतीय भूभाग पर कब्जा करने के लिए अरुणाचल की सीमा पर दर्जनों गांव बसा दिया है। गांवों में सड़क, पानी, बिजली से लेकर वाई-फाई, ब्रॉडबैंड, स्कूल, हॉस्पिटल जैसी सेवाओं को भी शुरू किया है। ताकि चीनी लोग धीरे-धीरे भारतीय सीमा पर भी कब्जा करते रहें। चीनी सैनिक गांवों की देखभाल करने का बहाना करके भारत के दावे वाले क्षेत्रों में स्थाई मौजूदगी चाहते हैं। ताकि वह भारत के दावे वाले क्षेत्रों पर भी अपना कब्जा जमा सकें। चीन कई वर्षों से सीमा पर गांव बसाता आ रहा है। गांवों की जरूरत वाली सारी सुविधाएं भी वहां विकसित करता आ रहा है। सैटेलाइट तस्वीरों में अरुणाचल सीमा के पास ऐसे कई चीनी गांव और सड़कें देखी गई हैं, जिसका निर्माण चीन की तरफ से कराया गया है।

झड़प के बाद भारतीय वायु सेना कर रही गश्त
9 और 11 दिसंबर को भारतीय सैनिकों से भिड़ंत के बाद से ही सीमा पर तनाव बढ़ गया है। भारत और चीन दोनों की तरफ से आए आधिकारिक बयानों में कहा गया है कि स्थिति नियंत्रण में है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत के साथ उसकी सीमा पर हालात 'स्थिर' बने हुए हैं। जब भारत ने तवांग के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प का मुद्दा उठाया तो चीन ने कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, "जहां तक हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा पर स्थिति कुल मिलाकर हालात स्थिर हैं। राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा मुद्दे पर लगातार बातचीत चल रही है।  भारतीय सेना के सूत्रों ने कहा कि भारत का शिखर पर नियंत्रण है, जो सीमा के दोनों ओर एक कमांडिंग व्यू प्रदान करता है। अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीनी पीएलए सेना के बीच तनाव बढ़ने के बाद अब भारतीय वायुसेना के विमान चीनी सेना को फिर से एलएसी का उल्लंघन करने से रोकने के लिए अरुणाचल के आसमान में गश्त कर रहे हैं।

कटीली लाठियां लेकर आए थे चीनी सैनिक
तवांग क्षेत्र में चीन के सैनिक 300 से अधिक की संख्या में आए थे। उनके हाथ में कटीली लाठियां थीं। मतलब साफ है कि पहले से ही पीएलए की सेना दबंगई और प्लानिंग के साथ यांग्त्सी क्षेत्र पर पूरी तरह कब्जा करने आई थी, लेकिन भारतीय सेना ने उनकी कोशिश को विफल कर दिया। मगर अभी चीन ने अपना इरादा नहीं बदला है। चीन दोबारा भारत के दावे वाले क्षेत्रों में कब्जे की प्लानिंग कर रहा है। इस बार वह और अधिक तैयारी के साथ आ सकता है। मगर अब भारतीय थल सेना के साथ वायुसेना ने भी पेट्रोलिंग करना शुरू कर दिया है। इस दौरान सर्दी का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है। तब चीन के सैनिक फिर से घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं, क्योंकि तब हवाई मार्ग से भारत के लिए कोहरे और खराब मौसम के कारण पेट्रोलिंग करना संभव नहीं हो पाएगा। इस दौरान दृश्यता भी काफी कम हो जाती है। इस पूरे मामले पर भारत में सीडीएस ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक की है। भारत-चीन सीमा के पल-पल के हालात पर पैनी नजर रखी जा रही है।

 

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