चंडीगढ़ः अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की तैयारी में शंभू बॉर्डर पर जुटे किसानों के नेता सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र सरकार से कहा है कि वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्हें दिल्ली की तरफ जाने की इजाजत दी जाए। पंढेर ने बुधवार को कहा कि हमने सरकार से कहा है कि आप हमें मार सकते हैं लेकिन किसानों पर अत्याचार न करें। हम प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हैं कि वह आगे आएं और किसानों के लिए MSP गारंटी पर कानून की घोषणा करके इस विरोध को समाप्त करें।
सरकार के देश माफ नहीं करेगा- पंढेर
सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमें रोकने के लिए हरियाणा के गांवों में अर्धसैनिक बल तैनात हैं। हमने कौन सा अपराध किया है? ऐसी सरकार को देश माफ नहीं करेगा। हमने कभी नहीं सोचा था कि ताकतें हम पर इस तरह जुल्म करेंगी। पंढेर ने पीएम मोदी से कहा कि कृपया संविधान की रक्षा करें और हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दें, ये हमारा अधिकार है।
हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की-पंढेर
आज के 'दिल्ली चलो' मार्च पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की। हम बैठकों में शामिल हुए, हर बिंदु पर चर्चा हुई और अब फैसला केंद्र सरकार को लेना है। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे। प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। 1.5-2 लाख करोड़ रुपये कोई बड़ी रकम नहीं है। हमें इन बाधाओं को हटाने और दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए।
युवा उत्तेजित न होः डल्लेवाल
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है। हमने 7 नवंबर से दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम बनाया है। अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है। ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं। हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं। सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दे। नहीं तो हमारी मांगे पूरी करे। अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे। मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं।
केंद्र ने दिया था ये प्रस्ताव
बता दें कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी को लेकर केंद्र के साथ चार दौर की वार्ता विफल होने के बाद प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर दो स्थानों से आज फिर से अपना मार्च शुरू करने के लिए तैयार हैं। किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत में तीन केंद्रीय मंत्रियों की समिति ने रविवार को प्रस्ताव दिया था कि किसानों के साथ समझौता करने के बाद सरकारी एजेंसियां पांच साल तक दालें, मक्का और कपास एमएसपी पर खरीदेंगी। लेकिन, किसान नेताओं ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया।