Wednesday, November 20, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. हिमाचल के इस शहर में गोलगप्पे का पानी और कॉफी के सैंपल फेल, प्रसिद्ध मंदिर का प्रसाद भी खाने लायक नहीं

हिमाचल के इस शहर में गोलगप्पे का पानी और कॉफी के सैंपल फेल, प्रसिद्ध मंदिर का प्रसाद भी खाने लायक नहीं

खाद्य दुकानों और रेहड़ी वालों से लिए गए कुल 17 नमूनों को हाल ही में प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। इस दौरान गोलगप्पे में रंग की मिलावट पाई गई। नियमों के अनुसार, पानी में रंग का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Updated on: November 20, 2024 18:23 IST
pani puri- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO पानी पूरी

हमीरपुर के मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर बेचे जाने वाले रोट के नमूने फेल होने के बाद, हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में गोलगप्पे के पानी और कॉफी के नमूने भी गुणवत्ता की कसौटी पर खरे नहीं उतर पाए हैं और सरसों के तेल की गुणवत्ता भी नमूने की जांच में मानक के अनुसार नहीं मिली है। ऊना शहर में खाद्य दुकानों और रेहड़ी वालों से लिए गए कुल 17 नमूनों को हाल ही में सोलन जिले के कंडाघाट में स्थित प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था। अधिकारियों ने बताया कि गोलगप्पे में रंग की मिलावट पाई गई। नियमों के अनुसार, पानी में रंग का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की कैंटीन बंद

मंगलवार को हमीरपुर जिले के देवसिद्ध में बाबा बालक नाथ मंदिर में प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे रोट के नमूने की गुणवत्ता खराब पाई गई। मंदिर प्रबंधन की ओर से बुधवार को कैंटिन बंद करा दी गई, साथ ही यह भी कहा गया कि जल्द ही बाहर से सामान मंगाया जाएगा। गौतम बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट, दियोटसिद्ध के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि इस कैंटीन को बंद कर दिया गया है।

प्रसाद खाने लायक नहीं

खाद्य सुरक्षा विभाग ने दो महीने पहले बाबा बालक नाथ मंदिर ट्रस्ट की दुकान पर प्रसाद के रूप में बेचे जा रहे रोट के नमूने जांच के लिए सोलन जिले के कंडाघाट स्थित ‘कंपोजिट टेस्टिंग लैबोरेटरी’ भेजे थे। ये नमूने खाने लायक नहीं पाए गए। एक निजी दुकान से लिए गए ‘रोट’ के नमूने भी परीक्षण में सही नहीं पाए गए। ‘रोट’ बनाने के लिए गेहूं के आटे, चीनी और देसी घी या वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया जाता है। प्रसाद बेचने वाली मुख्य कैंटीन मंदिर ट्रस्ट द्वारा शुरू से ही संचालित की जा रही थी और उसका कारोबार अच्छा चल रहा था। हर साल लगभग 50-75 लाख श्रद्धालु बाबा बालक नाथ के प्राचीन गुफा मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वे बाबा बालक नाथ को ‘प्रसाद’ के रूप में ‘रोट’, मिठाइयां और अन्य चीजें चढ़ाते हैं।

इस बीच, कंडाघाट प्रयोगशाला से 17 में से तीन नमूनों की रिपोर्ट आ गई है। इनमें से दो की गुणवत्ता खराब पाई गई है और एक गलत ब्रांड का नाम लिखा था। बुधवार को खाद्य मानक एवं सुरक्षा शाखा के सहायक निदेशक जगदीश धीमान ने कहा, ‘‘इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है।’’

सरसों के तेल में मिलावट

खाद्य मानक एवं सुरक्षा शाखा द्वारा ऊना में लिए गए गोलगप्पे के पानी के नमूनों में भी मिलावट पाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि सरसों के तेल के नमूने में भी मिलावट मिली है, जबकि कॉफी का नमूना फेल पाया। उन्होंने बताया कि इस मामले में कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि बाजारों में केवल गुणवत्ता वाले उत्पाद ही बेचे जाएं और आदेशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार मामला दर्ज किया जाए। (भाषा इनपुट्स के साथ)

यह भी पढ़ें-

तालाब से नहाकर लौट रही आदिवासी युवती के साथ छेड़छाड़, आरोपी ने चेहरे पर गंदगी भी लगाई

बोतल में था ‘टॉयलेट क्लीनर’, बुजुर्ग ने शराब समझकर गटक लिया, हुई मौत

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement