जैन समाज के आंदोलन पर सपा विधायक अबू आजमी ने कहा ,'जैन आंदोलन का मैं समर्थन कभी नहीं करुंगा। क्या वो मेरी मांगों का समर्थन करते है? इनकी संख्या हमारे मुकाबले बहुत बहुत कम है लेकिन जब जैन समाज का त्योहार (पर्युषण) आता है तो सरकारें इनके सामने घुटने टेक देती हैं। सारी मटन की दुकान बंद की जाती है। कतलखाने बंद करने की बात होती है। जैसे दुनिया चलती है उस तरह ये देश चलेगा या फिर अलग निजाम यहां क्यों चलेगा।
जब देश में मुसलमानों को तंग किया जाता है तब जैन कहां चले जाते हैं - अबू आजमी
जब हमारे मस्जिदों के सामने डीजे बजाते है, मस्जिद के गुंबद पर चढ़कर भगवा झंडा लहराते हैं। रोजाना लव जिहाद के नाम पर परेशान किया जा रहा है। इन सबको लेकर जैन समाज ने कभी हमारा साथ नहीं दिया। आजतक पुछा नहीं। जैन समाज अपनी लड़ाई खुद लड़े। अगर समर्थन चाहिए तो बैठकर हमसे बात करें। हम जरूर साथ देंगे। कोई भी रिश्ता दोनों तरफ से चलता है फिर हम उनके पिछलग्गू क्यों बनें।
'सम्मेद शिखर तीर्थ' को पर्यटन केंद्र बनाने पर विरोध-प्रदर्शन
जैन समाज ''श्री सम्मेद शिखर तीर्थ" को टूरिस्ट प्लेस बनाने और शत्रुंजय पर्वत पर भगवन आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। उनकी मांग है कि सम्मेद शिखर को टूरिस्ट सेंटर ना बनाया जाए। साथ ही आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। शत्रुंजय पर्वत पालीताणा में है और सम्मेद शिखर के बाद जैन समाज का सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है। अपनी मांगों को लेकर जैन समाज का एक डेलीगेशन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचा।
दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद में निकाली महारैली
दिल्ली में जैन समाज के लोगों ने बड़ी संख्या में रैली निकली। हज़ारों की भीड़ इंडिया गेट पर पहुंच गई। उनके हाथों में झंडे और पोस्टर बैनर थे महारैली को रोकने के लिए पुलिस को बैरिकेड लगाने पड़े। लेकिन फिर भी लोग बैरिकेड पर चढ़ कर प्रोटेस्ट कर रहे थे। मुंबई में भी कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली। वहां सड़क पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। अपने तीर्थस्थल को टूरिस्ट प्लेस बनाने के ख़िलाफ़ हज़ारों की भीड़ रोड पर आ गई हो। ऐसा लग रहा था कि जैसे मुंबई में रहने वाले हर जैन परिवार से कोई ना कोई सदस्य इस महारैली में शामिल होने निकल पड़ा है। इसके अलावा पहली बार अहमदाबाद की सड़क पर एक लाख लोग जैन समाज के लोगों ने अपना शक्ति-प्रदर्शन किया। एक लाख लोगों ने दस किलोमीटर तक मार्च निकाला। हाथों में तख्तियां थीं, जिन पर लिखा था कि जैन समाज कम है कमजोर नहीं है। बड़ी बात ये रही कि रैली के मंच पर प्रधानमंत्री मोदी की मां हीरा बा की फोटो रखी थी।