जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर से 22 किलोमीटर दूर पंपोर के केसर के बाग का जर्रा-जर्रा इन दिनों केसर की फूलों की महक से गुलजार दिख रहा है। यहां इन दिनों कुदरत का एक ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है, जिसका इंतजार साल भर लोग यहां बेसब्री से करते हैं। यहां के खुश्क मैदान जहां न सब्जी न फल और ना ही कोई अनाज उगता है, बल्कि कुदरत ने इस जगह को अपने सबसे हसीन तोहफा केसर के फूलों से नवाजा है, जो फूल दुनिया का सबसे महंगा फूल है। इस फूल की डिमांड दुनिया भर में सबसे ज्यादा है। केसर के इस फूल से पर्यटकों को परिचित कराने और व्यवसाय को बढ़ावा मिले, इसलिए इस बार पर्यटन विभाग ने सेफ्रॉन फेस्टिवल का आयोजन किया है।
इस फेस्टिवल में चार चांद लगाने के लिए स्कूली बच्चों ने केसर की खेती की और एक रंगारंग कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ। कलाकारों ने अपनी मधुर आवाज सबको मदहोश कर दिया, तो वहीं कश्मीरी पारंपरिक ड्रेस में नजर आए स्कूली बच्चों ने इस फेस्टिवल में कश्मीर की उस परंपरा को दर्शाया, जो सदियों से पाम्पोर के केसर के इन खेतों में नजर आता है।
नन्हें हाथों से एक-एक फूल को चुनकर निकालना और एक बकेट में डालकर इस फेस्टिवल को और ज्यादा रंगीन बनाकर इन बच्चों ने कहा हमे सैफरन फेस्टिवल में आकर बहुत खुशी हो रही है। बाहर के लोगों को केसर के फूल काफी प्रभावित करते हैं। सैफरन फेस्टिवल के जरिए काफी सारे लोगों को केसर के बारे में पता चलेगा और इस कारोबार से जुड़े लोगों को भी काफी फायदा मिलेगा।
कश्मीर का केसर दुनिया का सबसे अच्छा और महंगा केसर माना जाता है और कश्मीर में इसकी खपत ईरान के बाद दूसरे नंबर पर है, लेकिन क्वालिटी और इसके रंग के कारण यह विश्व भर में पहले नंबर पर आता है और इसकी सबसे ज्यादा डिमांड अपने ही देश भारत में है। कश्मीर में जहां केसर शादियों में खास तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, तो देश के दूसरे राज्यों में इसका इस्तेमाल पूजा अर्चना के अलावा मेडिसिन बनाने में भी किया जाता है।
इंडिया टीवी से बात करते हुए साफरों ग्रोवर्स के प्रेजिडेंट अब्दुल माजीज और किसान मोहम्मद इब्राहिम ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार केसर की पैदावार 30 फीसदी ज़्यादा है। कश्मीर का केसर दुनिया का सबसे ज्यादा कीमती स्पाइस माना जाता है। कश्मीर का केसर पूरी दुनिया में सबसे अलग है और बाहर के मुल्कों की तुलना में इसका रंग और स्वाद अलग है। कश्मीर के केसर के काफी सारे हेल्थ बेनिफिट्स भी है। ईरान के केसर से कश्मीर के केसर की पैदावार पर फर्क पड़ा था, मगर सरकार की तरफ से जो GI टैगिंग शुरू की गई है उससे काफी फायदा हो रहा है, क्योंकि GI टैगिंग ये संचित करता है कि बाजार में शुद्ध कश्मीरी केसर ही बेचा जाता है।
इसलिए अगर आप इस मौसम में छुट्टियों का पूरा लुत्फ लेना चाहते हैं, तो कश्मीर से बेहतर कोई और जगह नहीं हो सकती। यहां आप को न सिर्फ केसर के फूलों की एक अलग खूबसूरत महक का एहसास होगा, बल्कि यहां की परंपरा और यहां की ठंडी फिजाओं की कण-कण में बसी खूबसूरती का वह एहसास भी होगा, जिसे देखकर आपको यह जगह किसी जन्नत के नजारे से कम नहीं लगेगी।