नई दिल्ली: सदगुरु ने एक साल पहले दुनिया भर में खत्म हो रही मिट्टी को संबोधित करने वाली नीतियों को बनाने के लिए और सरकारों को सक्रिय करने के लिए 27 देशों में 100 दिन चलने वाली 30,000 किमी की ‘मिट्टी बचाओ यात्रा’ शुरू की थी। दुनिया की 52 प्रतिशत कृषि योग्य मिट्टी पहले ही ख़राब हो चुकी है। मिट्टी बचाओ अभियान का उद्देश्य है कि जिस मिट्टी में कृषि की जाती है उसमें क्षेत्रीय परिस्थितियों के आधार पर कम से कम 3-6% साइल आर्गेनिक मैटर (SOM) होना चाहिए। इससे किसानों के लिए टिकाऊ कृषि,जलवायु प्रतिरोषाक खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। मिट्टी में जैविक पदार्थ में वृद्धि, सिंचाई और उर्वरकों पर सरकार के खर्च को भी आश्चर्यजनक रूप से कम करेगा।
सदगुरु द्वारा की गयी ऐतिहासिक यात्रा की पहली वर्षगांठ पर ‘मिट्टी बचाओ अभियान’ की कुछ प्रमुख उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
- अभियान केवल 100 दिनों के भीतर 3.91 अरब से अधिक लोगों तक पहुंच गया और 81 देश मिट्टी बचाने के नीतियों को तैयार करने की दिशा में उद्देश्यपूर्ण कदम उठा रहे हैं।
- दस भारतीय राज्यों - गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक गोवा और असम ने मिट्टी बचाने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- 6 कैरेबियाई राष्ट्र, अजरबैजान, संयुक्त अरब अमीरात और फ्रांसीसी सरकार की "4 प्रति 1000" पहल ने "मिट्टी बचाओ" के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- नेपाल सरकार के पर्यावरण मंत्रालय और कृषि मंत्रालय मिट्टी बचाओ अभियान से जुड़ने के लिए लेटर ऑफ़ सॉलिडेरिटी प्रस्तुत किया। नेपाल सरकार में पर्यावरण मंत्रालय ने भी मिट्टी को बचाने के लिए 30,000 पेड़ लगाने के लिए प्रतिबद्ध हुआ।
- सूरीनाम गणराज्य, नामीबिया, और राष्ट्रों का कॉमनवेल्थ और मुस्लिम वर्ल्ड लीग जैसे संगठन मिट्टी बचाओ अभियान का समर्थन करने के लिए आगे आए हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय संगठन जो पारिस्थितिक कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे हैं, जैसे कि इंटरनेशनल यूनियन ऑफ़ कंज़र्वेशन ऑफ़ नेचर (ICUN ) और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) एजेंसियां - यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेसर्टिफिएशन (UNCCD), वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम (WFP), फ़ूड एंड एग्रीकल्चरल आर्गेनाईजेशन (FAO ) और यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम फेथ फॉर अर्थ (UNEP ) अभियान में भागीदार बनने के लिए आगे आए हैं।
- संयुक्त राष्ट्र में पार्टियों के सम्मेलन (COP15) के 15वें सत्र में मरुस्थलीकरण का मुकाबला करने के लिए कन्वेंशन (UNCCD), सदगुरु ने 197 पार्टियों को संबोधित किया, और क्षेत्रीय परिस्थितियों के आधार पर कम से कम 3-6% साइल आर्गेनिक मैटर (SOM) का एक व्यापक उद्देश्य को सुनिश्चित और इसे प्राप्त करने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति प्रदान की।
मिट्टी बचाओ: एक जन अभियान
उत्तरी अमेरिका के 40 शहरों ने 21 मार्च ,जिस दिन सद्गुरु ने अपनी मिट्टी बचाओ यात्रा की शुरुआत की थी को "मिट्टी बचाओ दिवस" के रूप में मान्यता दी है । इन शहरों में वाशिंगटन डीसी, एडमोंटन, कैलगरी, चार्लोट,सिनसिनाटी, इंडियानापोलिस, रेनर, सैन रेमन और कई अन्य शामिल हैं।
63 देशों के लगभग 30 लाख बच्चों ने अपने नेताओं को पत्र लिखे हैं और उनसे मिट्टी के पुनर्जीवन के लिए कार्रवाई करने का अनुरोध किया। इसमें से 15 लाख भारत के बच्चों ने भारत के प्रधान मंत्री को पत्र लिखे हैं। राइड फ़ॉर सॉइल - 960 बाइकर्स ने 17000+ किमी की यात्रा की, जिसमें 314 कार्यक्रम आयोजित किए गए और अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे ,मिट्टी को बचाने के लिए 176 स्थानों पर 51 हजार लोगों ने 60 देशों के 20 शहरों में वॉकथॉन का आयोजन किया। इस अभियान में 193 देशों के लिए विशिष्ट सतत मिट्टी पद्धतियो द्वारा हर देश में मृदा स्वास्थ्य में सुधार के 700 अनूठे तरीकों को भी जारी किया है ।
गुयाना सरकार किसानों को मिट्टी की जैविक सामग्री को 3-6% तक बढ़ाने और दुनिया के लिए एक प्रदर्शनीय मॉडल बनाने के लिए 100 वर्ग किमी भूमि , मिट्टी बचाओ टीम की मदद के लिए आवंटित करेगी।
‘मिट्टी बचाओ संदेश जारी रखें’
मिट्टी बचाओ अभियान के एक साल पूरे होने पर सदगुरु ने कहा, ‘इस दिन एक साल पहले, हमने लंदन से #SaveSoil अभियान शुरू किया था। करोड़ों लोगों का धन्यवाद जिन्होंने इसे ग्रह पर अब तक का सबसे बड़ा जन अभियान बनाने के लिए अपना दिल और हाथ इस अभियान में लगा दिया है। सभी राष्ट्रों को बधाई और धन्यवाद जिन्होंने मिट्टी की नीतियां बनाना शुरू कर दिया है। समय की आवश्यकता दुनिया की कृषि मिट्टी को पुनर्जीवित करने और माइक्रोबियल जीवन को पुनर्जीवित करने और बदले में सभी जीवन की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करना है।’
मिट्टी बचाओ अभियान का 1 वर्ष। वीडियो देखें: