Aap Ki Adalat: कांग्रेस पार्टी और उनके नेता अक्सर उद्योगपति गौतम अडानी का विरोध करते हैं। हालांकि राज्यों में उन्हीं की पार्टी की सरकार अडानी समूह के साथ व्यापारिक करार भी करती है। इसके बाद सवाल उठता है कि जब कांग्रेस अडानी का इतना विरोध करती है तो उनकी ही पार्टी की सरकारें समझौते कैसे कर सकती है। ऐसे ही सवाल जब इंडिया टीवी के शो 'आप की अदालत' में कांग्रेस के महासचिव सचिन पायलट से किया गया तो उन्होंने इसका कारण भी बताया।
कांग्रेस पार्टी का विरोध किसी भी व्यापारिक समूह से नहीं- पायलट
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का विरोध किसी भी व्यापारिक समूह से नहीं है। हमारा विरोध इस बात से है कि देश का सारा काम एक ही समूह को दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कोई इंडस्ट्रियल ग्रुप ट्रांसपैरेंट कुछ काम करना चाहता है तो चाहे वह कोई भी स्टेट हो उसे अनुमति मिलनी चाहिए। अगर वह नॉन ट्रांसपेरेंट (गैर पारदर्शी) तरीके से करे तो चाहे कांग्रेस की सरकार ही क्यों ना हो, उसकी भी जांच होनी चाहिए। मेरा तो इतना मानना है कि मापदंड बराबर होने चाहिए। अगर कहीं लोगों को आशंका है कि कुछ गड़बड़ी हुई है या कोई कोर्ट में केस चल रहा है या कोई रिपोर्ट ऐसी आ रही है जहां पर हमें लगता है कि उसमें कुछ गलती हुई है तो वह सही नहीं है।
केंद्र सरकार एक ही व्यापारिक समूह को सबकुछ सौंप रही- सचिन पायलट
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि केंद्र सरकार एक ही व्यापारिक समूह को सबकुछ सौंप दे रही है। कांग्रेस पार्टी का इसी बात का विरोध है। सरकार फेयर बिडिंग कराए और जो भी जीते, उसे काम मिले। लेकिन ऐसा ही नहीं रहा है। वहीं कांग्रेस सरकार में अडानी को काम मिलने पर सचिन पायलट कहते हैं कि हमारी पार्टी की राज्य सरकारें फेयर बिडिंग कराती है और जो भी उसे जीतता है उसे काम दिया जाता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में हमारी सरकार रहने के दौरान अडानी ग्रुप के साथ 25,000 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट साइन किया। मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है। आप एक लाख करोड़ इन्वेस्ट करो, लेकिन कॉम्पिटिशन से बिडिंग हो। आप क्वालीफाई करो। आप नियम कानून का पालन करो। इन्वेस्ट करें। किसी को कोई आपत्ति नहीं है।