Highlights
- कोरोना से जूझने के बाद भी भारत ने गलवान में मुंहतोड़ जवाब दिया: विदेशमंत्री
- 'मैराथन बैठकों में कई बिंदुओं पर सुलझे मुद्दे'
- 'कई पॉइंट्स पर चीन के साथ है विवाद'
s. Jaishankar on China: चीन की हर हरकत पर भारत की कड़ी नजर रहती है। एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वह अक्सर घुसपैठ की कोशिश करता है। कभी अरूणाचल प्रदेश, कभी लद्दाख में आए दिन हरकतें करता है। भारत ने चीन से दो टूक कह दिया है कि वो चीन के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देगा। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि चीन की ओर से एलएसी को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की भारत इजाजत नहीं देगा। जयशंकर ने कहा कि ऐसी हरकत पर चीन को मुंहतोड़ जवाब पहले दिया जा चुका है। गलवान में भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया था। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र किया था, तब उनकी कोशिश साफतौर पर एलएसी पर एकतरफा बदलाव करने की थी।
कोरोना से जूझने के बाद भी भारत ने गलवान में मुंहतोड़ जवाब दिया
विदेशमंत्री ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि भले ही भारत देश उस समय कोरोना की महामारी से जूझ रहा था, लेकिन फिर भी भारत एलएसी पर चीन के कुत्सित प्रयासों का मुकाबला करने में सक्षम था। जयशंकर ने कहा कि सीमा के बारे में कुछ लोगों के विचार बिल्कुल सामान्य होते हैं। पेट्रोलिंग पॉइंट पर आमतौर पर सैनिक नहीं होते हैं, बल्कि वे सीमावर्ती इलाकों में अंदरुनी क्षेत्रों में होते हैं।
मैराथन बैठकों में कई बिंदुओं पर सुलझे मुद्दों
उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम रहा कि चीन ने अपने सैनिकों को एलएसी के पास लाकर खड़ा कर दिया था। इसके जवाब में भारत ने भी अपने सैनिकों को वहां भेज दिया। विदेश मंत्री ने कहा कि दो साल पहले गलवान घाटी में जो हुआ, वह बिल्कुल भी ठीक नहीं था। चीन के साथ हमारी कई मैराथन मीटिंग्स हुईं और इन बैठकों में टकराव वाले पॉइंट्स पर चर्चा हुई है और कई पॉइंट्स को लेकर मामला सुलझा भी है।
कई पॉइंट्स पर चीन के साथ विवाद
विदेशमंत्री ने कहा कि कई ऐसे स्थान थे, जिसे लेकर दोनों देशों में विवाद था। उन पॉइंट्स से चीनी सैनिक वापस चले गए हैं और हमारी सेना भी वापस आ गई है। यह मेहनत और धैर्य का काम होता है। जयशंकर ने इस बात को स्पष्ट रूप से जोर देकर कहा कि हम चीन की ओर से एलएसी को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास को अनुमति नहीं देंगे।