Highlights
- भारत-रूस के बीच 21वीं सालाना शिखर वार्ता
- मोदी को S-400 का मॉडल गिफ्ट करेंगे पुतिन
नई दिल्ली: आज का दिन भारत और रूस के रिश्तों के लिए बेहद अहम होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैदराबाद हाउस पहुंच चुकें हैं, यहां प्रधानमंत्री मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इससे पहले भारत और रूस के बीच टू प्लस टू टॉक भी हुई, जिसमें रूसी रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री ने भारत के रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री के साथ बातचीत की।
भारत-रूस के बीच चार रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर, सैन्य संबंधों का होगा विस्तार
भारत और रूस ने उत्तर प्रदेश के अमेठी में छह लाख से अधिक एके-203 असाल्ट राइफलों के संयुक्त निर्माण के लिए एक समझौते पर सोमवार को हस्ताक्षर किए और दस वर्ष के लिए सैन्य सहयोग पर एक अन्य करार भी किया। भारतीय सशस्त्र बलों के लिए राइफलों का निर्माण करीब 5000 करोड़ रूपये की लागत से किया जाएगा। इन समझौतों पर भारत रूस अंतर सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीक संबंधी आयोग (आईआरजीसी-एमएंडएमटीसी) की 20वीं बैठक के दौरान समझौते किए गए। बैठक की सह अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उनके रूसी समकक्ष जनरल सर्गेइ शोइगु ने की। बैठक में सैन्य उपकरणों के संयुक्त उत्पादन को बढ़ाने सहित सामरिक सहयोग में वृद्धि करने के तरीकों को लेकर चर्चा की गयी। दोनों पक्षों ने छोटे शस्त्रों की कालश्निकोव श्रृंखला के निर्माण के लिए किए गये समझौते में संशोधन करने वाले एक करार पर हस्ताक्षर किया। मूल समझौता फरवरी 2019 में किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि 20वें आईआरजीसी-एमएंडएमटीसी के प्रोटोकॉल पर एक अन्य समझौता भी किया गयाा। चार समझौतों में सबसे महत्वपूर्ण करार इंडिया-रशिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरपीएल) के माध्यम से 6,01,427 एके-207 राइफलों के निर्माण को लेकर है। सैन्य सहयोग पर एक समझौता वर्तमान रूपरेखा के नवीनीकरण को लेकर है। बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में सिंह ने रूस को भारत का दीर्घकालिक विशेष एवं अधिकार संपन्न सामरिक भागीदार करार दिया और कहा, उनके ‘‘संबंध समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं तथा बहुपक्षवाद, वैश्रविक शांति एवं समृद्धि, आपसी समझ एवं विश्वास पर आधारित हैं।’’ उन्होंने रूस द्वारा भारत को दिये जाने सशक्त सहयोग की सराहना की और और इस बात पर बल दिया कि करीबी सहयोग किसी अन्य देश को लेकर लक्षित नहीं है।
सिंह ने आशा व्यक्त की कि सहयोग से क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता आएगी तथा रक्षा सहयोग भारत-रूस भागीदारी के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत रूस अंतर सरकारी सैन्य एवं सैन्य तकनीकी आयोग पिछले दो दशक से एक सुस्थापित तंत्र है।’’ उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के बीच होने जा रही शिखर बैठक भारत एवं रूस के बीच विशेष एवं अधिकार प्राप्त भागीदारी की गहराई एवं महत्व को उभरती हुई भूराजनीतिक परिस्थितियां एक बार फिर से पुष्ट करती है। रक्षा मंत्री ने भारत एवं रूस के बीच हो रही पहली ‘‘दो जमा दो’’ मंत्री स्तरीय वार्ता दोनों देशों के नेताओं की विशेष पहल बताया जिससे संबंधों के विशेष महत्व का संकेत मिलता है। शोइगु एवं रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव रविवार रात्रि को यहां पहुंचे थे। वे प्रधानमंत्री मोदी के साथ पुतिन की होने वाली बैठक में उपस्थित रहेंगे।
दी को S-400 का मॉडल गिफ्ट करेंगे पुतिन
शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा की जाएगी। भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में रक्षा मामलों सहित कई महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की जाएगी। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पीएम मोदी को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का मॉडल गिफ्ट करेंगे वहीं, आज भारत-रूस के बीच एके-203 राइफलों के भारत में निर्माण के समझौते पर भी दस्तखत किया जाएगा। मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत यूपी में एक नई फैक्ट्री में राइफल बनाई जाएंगी।
भारत और रूस के बीच 5 अहम क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। ऊर्जा समेत समुद्री परिवहन को सुगम बनाने संबंधी क्षेत्र में भी समझौता होगा। इसके अलावा टू प्लस टू शिखर वार्ता में अफगानिस्तान के हालात और जम्मू-कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों समेत आतंकवाद के बढ़ते खतरे पर भी बातचीत करने की संभावना है।
चीन और पाकिस्तान में मचा हड़कंप, टेंशन बढ़ाएगा पुतिन का भारत दौरा
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे लेकिन इससे पहले ही रूस ने S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम भारत के लिए रवाना कर दिया है। S-400 के भारत आने की खबरों से चीन और पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है। S-400 काफी ख़तरनाक हथियार है क्योंकि ये टारगेट के सामने बचने का कोई रास्ता नहीं छोड़ता है। जहां भी S-400 की एक बैटरी तैनात की जाती है तो 400 किलोमीटर के दायरे में 64 मिसाइल हमेशा तैयार रहती हैं।
- S-400 चार तरह की मिसाइल फायर कर सकता है इसमें 40 किलोमीटर रेंज की मिसाइल जो छोटे दायरे में दुश्मन के विमान गिराती है।
- इसके अलावा 120 किलोमीटर रेंज की मिसाइल, 250 किलोमीटर रेंज की मिसाइल और 400 किलोमीटर रेंज की मिसाइल भी फायर की जा सकती हैं।
- S-400 में लगा लंबी दूरी का रडार इसकी सबसे बड़ी ताक़त है ये एक बार में 100 टारगेट को ट्रैक कर सकता है
- इसका रडार दुनिया का सबसे ख़तरनाक एयर डिफेंस रडार माना जाता है
- क्योंकि ये स्टेल्थ विमान को भी ट्रैक करके मार गिराने की ख़ूबी रखता है
- इसकी ट्रैकिंग रेंज 600 किलोमीटर तक है जबकि ये दुश्मन की मिसाइल या ड्रोन विमान पर 400 किलोमीटर के दायरे में हमला कर सकता है