Highlights
- भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की मदद के लिए दिल्ली में कंट्रोल रूम स्थापित किया
- जैसे ही वहां पर एयर स्पेस खोला जाएगा फ्लाइट्स फिर से शुरू की जाएंगी- ज्योतिरादित्य सिंधिया
- नियंत्रण कक्ष का टोल फ्री फोन नम्बर 1800118797 है
नई दिल्ली/भोपाल: मध्य प्रदेश के भोपाल में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रूस यूक्रेन संकट के बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि- आज फ्लाइट्स यूक्रेन के लिए रवाना हुई थी लेकिन जब यूक्रेन में घटनाएं शुरू हुई तब हमें बताया गया कि एयर स्पेस पूर्ण रूप से बंद किया गया है और NOTAM (नोटिस टू एयर मिशन) जारी किया गया है। जिसके कारण फ्लाइट को वापस भारत आना पड़ा। विदेश मंत्री के साथ भी मेरी चर्चा हुई है और यूक्रेन की स्थिति पर हम नजर बनाए हुए हैं। जैसे ही वहां पर एयर स्पेस खोला जाएगा फ्लाइट्स फिर से शुरू की जाएंगी।
यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सत्पथी ने गुरुवार को कहा कि जब तक यहां(यूक्रेन) से हर भारतीय वापस हमारे देश नहीं पहुंच जाता तब तक भारतीय दूतावास यहां काम जारी रखेगा।हम यहां प्रशासन के संपर्क में हैं, भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास स्थिति को देखते हुए पूरी तरह सतर्क है और प्रयास कर रहा है कि हमारे नागरिकों को यहां (यूक्रेन) से कैसे निकाला जा सकता है। यूक्रेन में हमारा दूतावास खुला है और लगाता काम कर रहा है। युद्ध के चलते एयर स्पेस बंद कर दिया गया है जिसके चलते स्पेशल फ्लाइट प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति में मेरी यहां यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों से अपील है कि आप जहां हैं, वहीं रहें।
भारत ने यूक्रेन में फंसे नागरिकों के लिए जारी की एडवाइजरी
यूक्रेन (Ukraine) में रूसी सैन्य हमलों के बाद वहां पढ़ाई कर रहे छात्रों को लेकर सरकार की चिंता बढ़ गई है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के लिए विदेश मंत्रालय ने भारत में अपने नियंत्रण कक्ष का विस्तार किया है और इसे 24x7 आधार पर चालू किया है। भारत सरकार लगातार हालात पर नजर रख रही है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की मदद के लिए दिल्ली में कंट्रोल रूम स्थापित किया है। विदेश मंत्रालय ने टोल फ्री नंबर भी जारी किए हैं। इन नंबरों पर संपर्क कर मदद ली जा सकती है।
कीव में भारतीय दूतावास ने एक अधिसूचना जारी की
कीव में भारतीय दूतावास ने एक अधिसूचना जारी कर यूक्रेन में फंसे छात्रों को सुरक्षित रहने और अपने घरों, छात्रावासों या आवासों में लौटने के लिए कहा था। बढ़ती अनिश्चितताओं को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अंदर ही रहने और यात्रा करने से बचने के लिए कहा गया है। विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि उन्होंने यूक्रेन में मौजूदा स्थिति के कारण नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और नियंत्रण कक्ष उन सभी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को सूचना और सहायता प्रदान करेगा जो युद्ध से वापस आना चाहते हैं।
भारतीय दूतावास ने कहा, "कीव के पश्चिमी हिस्सों से यात्रा करने वालों सहित कीव की यात्रा करने वाले सभी लोगों को अस्थायी रूप से अपने-अपने शहरों में लौटने की सलाह दी जाती है, विशेष रूप से पश्चिमी सीमावर्ती देशों के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर लौटने की सलाह है।"
विशेष जानकारी के लिए जारी किए कंट्रोल रूम नंबर
नियंत्रण कक्ष का टोल फ्री फोन नम्बर 1800118797 है। किसी भी सहायता के लिए इन फोन नंबरों पर भी संपर्क किया जा सकता है।
- +91 11 23012113
- +91 11 23014104
- +91 11 23017905
सरकार चिंतित है, प्रयास जारी हैं- राजनाथ सिंह
भारत के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस यूक्रेन संकट पर कहा कि- सरकार ने पहले भी एडवाइजरी जारी की थी। सरकार चिंतित है, प्रयास जारी हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि हमारे जो बच्चे वहां हैं उन्हें निकाला जाए। वहां स्थिति विषम है। प्लेन भेजा गया था, लेकिन प्लेन वहां उतारा नहीं जा सका। भारत चाहता है कि शांति कायम होनी चाहिए। बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए। युद्ध की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए, यही भारत की सोच है।
जानिए NATO ने क्या कहा?
NATO (नॉर्थ ऍटलाण्टिक ट्रीटी ऑर्गनाइज़ेशन) महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए रूस-यूक्रेन विवाद पर कहा कि- हमारे पास अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए 100 से अधिक जेट और उत्तर से भूमध्य सागर तक समुद्र में 120 से अधिक जहाज हैं। गठबंधन (यूक्रेन) को आक्रामकता (रूस) से बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे। आगे की स्थिति पर विचार करने के लिए NATO नेता कल यानी शुक्रवार 25 फरवरी को बैठक करेंगे। NATO महासचिव ने कहा कि NATO यूक्रेन में रूस के आक्रमण की कड़े शब्दों में निंदा करता है। हम रूस से सैन्य कार्रवाई को तुरंत बंद करने और यूक्रेन से पीछे हटने का आह्वान करते हैं। NATO यूक्रेन के साथ एकजुटता से खड़ा है। NATO पूरी दुनिया में यूरोपीय संघ और अन्य सहयोगियों से समन्वय बनाकर रूस पर गंभीर आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा।