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Russia Ukraine News: रूस ने यूक्रेन मुद्दे पर UNSC में भारत के रुख को सराहा, निंदा प्रस्ताव पर लिया ये स्टैंड

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव पर भारत के स्टैंड को लेकर भी काफी कयास लगाए जा रहे थे। वोटिंग के साथ इसका भी पटाक्षेप हो गया, भारत ने इससे खुद को दूर रखा। UNSC के स्थायी सदस्य के रूप में रूस की वीटो शक्ति के कारण निंदा प्रस्ताव पास नहीं हो सका।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : February 26, 2022 22:56 IST
 Russia appreciates India's ‘independent and balanced’ UNSC stand
Image Source : @INDIAUNNEWYORK Russia appreciates India's ‘independent and balanced’ UNSC stand

Highlights

  • UNSC में निंदा प्रस्ताव के खिलाफ रूस ने वीटो का इस्तेमाल किया
  • UNSC की वोटिंग में भारत की स्वतंत्र और संतुलित स्थिति की रूसी दूतावास ने सराहना की
  • चीन के साथ ही भारत और संयुक्त अरब अमीरात वोटिंग में शामिल नहीं हुए

Russia Ukraine News: भारत में रूसी दूतावास (Russian Embassy in India) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी/UNSC) में किए गए मतदान में भारत की स्वतंत्र और संतुलित स्थिति की सराहना की है। दरअसल, रूस की ओर से यूक्रेन पर किए गए हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव लाया गया था। अमेरिका के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मतदान हुआ था। रूस ने भारत के इस कदम की तारीफ की है। साथ ही कहा कि विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की भावना में रूस यूक्रेन के आसपास की स्थिति पर भारत के साथ घनिष्ठ संवाद बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के अलावा चीन और सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य संयुक्त अरब अमीरात ने भी वोटिंग से किनारा कर लिया था।

निंदा प्रस्ताव पर भारत का क्या रहा स्टैंड?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव के खिलाफ रूस ने वीटो पावर का इस्तेमाल किया। यूएनएससी ने यूक्रेन के खिलाफ पुतिन की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की थी और वहां से सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की थी। परिषद के 15 सदस्यों में से ग्यारह ने निंदा प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जिसे संयुक्त राज्य और अल्बानिया द्वारा संयुक्त रूप से लिखा गया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निंदा प्रस्ताव पर भारत के स्टैंड को लेकर भी काफी कयास लगाए जा रहे थे। वोटिंग के साथ इसका भी पटाक्षेप हो गया, भारत ने इससे खुद को दूर रखा। UNSC के स्थायी सदस्य के रूप में रूस की वीटो शक्ति के कारण निंदा प्रस्ताव पास नहीं हो सका।

‘मतभेदों और विवादों के समाधान का एकमात्र रास्ता है बातचीत’

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ये भी बताया कि वो सभी संबंधित पक्षों के संपर्क में है और उसने उनसे बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह किया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि मतभेदों और विवादों के समाधान का एकमात्र रास्ता बातचीत है और मानव जीवन की कीमत पर कभी कोई समाधान नहीं निकल सकता। प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लेने पर भारत ने एक्सप्लानेशन ऑफ वोट जारी किया, जिसमें उसने कूटनीति के रास्ते पर वापस लौटने की अपील की।

निंदा प्रस्ताव पर किसने क्या कहा?

आपको बता दें कि, वर्तमान में रूस सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। रूस को संयुक्त राष्ट्र महासभा के समक्ष इसी तरह के प्रस्ताव पर एक और वोट का सामना करना पड़ेगा, जिसे पर्याप्त अंतर से पारित किया जा सकता है। हालांकि यह गैर-बाध्यकारी होगा। संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन की राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा, "कोई गलतफमही में न रहे। रूस अलग-थलग है। उसे यूक्रेन पर आक्रमण का कोई समर्थन नहीं है।" वोटिंग से पहले थॉमस-ग्रीनफ़ील्ड ने हमले को बेशर्म बताया। साथ ही उन्होंने कि यह हमारी अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, "हमारा दायित्व है कि हम इसे दूर से न देखें। कम से कम हम आपत्ति तो करें।"

पीएम मोदी ने यूक्रेन और रूस दोनों देशों के राष्ट्रपति से की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन पर रूस के हमले से पैदा हुई स्थिति के मद्देनजर बीते गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की और तत्काल हिंसा रोकने की अपील करते हुए सभी पक्षों से कूटनीतिक बातचीत और संवाद की राह पर लौटने के ठोस प्रयास करने का आह्वान किया था। शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने पीएम मोदी से बात की है। PMO ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से बात की। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को यूक्रेन में जारी संघर्ष की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने जारी संघर्ष के कारण जान-माल के नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त की। PM मोदी हिंसा की तत्काल समाप्ति और बातचीत के लिए अपने आह्वान को दोहराया और शांति प्रयासों के लिए हर तरह से योगदान करने की भारत की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन में मौजूद छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारत की गहरी चिंता से भी उन्हें(यूक्रेन के राष्ट्रपति) अवगत कराया। उन्होंने भारतीय नागरिकों को तेजी से सुरक्षित निकालने के लिए यूक्रेन के अधिकारियों द्वारा सुविधा प्रदान करने की मांग भी की।  

ताबड़तोड़ हमलों के बीच देर रात सड़क पर निकले राष्ट्रपति जेलेंस्की

रूस के लगातार हमलों और राजधानी कीव के घिर जाने के बावजूद राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की अपने देश यूक्रेन में ही डटे हुए हैं। इसकी पुष्टि एक वीडियो से हुई है और यह वीडियो खुद ज़ेलेंस्की ने जारी किया है। अपने सलाहकारों और प्रधानमंत्री से घिरे जेलेंस्की ने यूक्रेन की राजधानी कीव में किसी सड़क से एक वीडियो जारी कर कहा, हम कीव में हैं और यूक्रेन की रक्षा कर रहे हैं। इससे पहले जारी एक और वीडियो में भावुक अपील करते हुए जेलेंस्की ने कहा था , 'मैं यूक्रेन में हूं और मेरा परिवार यूक्रेन में है। मेरे बच्चे यूक्रेन में हैं। वे गद्दार नहीं हैं। वे यूक्रेन के नागरिक हैं। हमें जानकारी मिली है कि दुश्मन के पहले  निशाने पर मैं और मेरा परिवार है।' 

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