Highlights
- मस्तिष्क में खून के प्रवाह में बाधा की बीमारी के लिए करीब एक महीने से चंदन का इलाज चल रहा था।
- इससे पहले यूक्रेन में गोली लगने की वजह से कर्नाटक के रहने वाले एक भारतीय छात्र की मौत हो गई थी।
- जिंदल विनित्सिया नेशनल पिरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी, विनित्सिया में पढ़ाई कर रहे थे।
चंडीगढ़: पंजाब के बरनाला जिले के 22 वर्षीय छात्र की बुधवार को युद्ध प्रभावित यूक्रेन में मौत हो गई। मस्तिष्क में खून के प्रवाह में बाधा की बीमारी के लिए करीब एक महीने से उसका इलाज चल रहा था। इससे पहले यूक्रेन में गोली लगने की वजह से एक भारतीय छात्र की मौत हो गई थी। आधिकारिक सूत्रों ने चंडीगढ़ में बताया कि चंदन जिंदल को यूक्रेन के विनित्सिया आपातकालीन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छात्र के परिवार ने सरकार से उसके पार्थिव शरीर को वापस लाने का अनुरोध किया है। जिंदल विनित्सिया नेशनल पिरोगोव मेमोरियल मेडिकल यूनिवर्सिटी, विनित्सिया में पढ़ाई कर रहे थे।
7 फरवरी को यूक्रेन गए थे चंदन के पिता
जिंदल के चाचा कृष्ण गोपाल ने बरनाला में कहा कि उन्हें 3 फरवरी को उसके खराब स्वास्थ्य की सूचना मिली थी और यूक्रेन के अधिकारियों ने ऑपरेशन करने के लिए परिवार की मंजूरी मांगी थी। गोपाल ने कहा कि वह और चंदन के पिता 7 फरवरी को यूक्रेन गए थे। गोपाल बाद में लौट आए, जबकि उनके भाई अपने बेटे के साथ यूक्रेन में रह गए। बरनाला के पुलिस उपायुक्त ने राज्य के प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखकर परिवार को सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है।
परिवार ने भारत सरकार से मांगी मदद
पत्र के अनुसार बीमार पड़ने के कारण चंदन जिंदल को विनित्सिया आपातकालीन अस्पताल (कीवस्का स्ट्रीट 68) के गहन चिकित्सा कक्ष (ICU) में भर्ती कराया गया था। जिंदल मस्तिष्क में इस्किमिया स्ट्रोक (मस्तिष्क को खून के प्रवाह में बाधा होने) से पीड़ित थे। उन्होंने आज अंतिम सांस ली। जिंदल के पिता ने रोमानिया के साइरेट बॉर्डर से एयर एंबुलेंस के जरिए अपने बेटे के शव को भारत लाने के लिए सरकार से मदद मांगी है। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में गोलाबारी में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई थी।