India-Russia: रूस और भारत के बीच पारंपरिक रूप से संबंध प्रगाढ़ रहे हैं। अच्छे संबंधों की वजह से ही भारत को रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत ने यूक्रेन युद्ध पर रूस के विरोध में कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि इसके लिए अमेरिका सहित जापान, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के कई देशों ने भारत पर यूक्रेन से जंग के मामले में रूस का विरोध करने के लिए काफी दबाव डाला। इन सबके बीच रूस के डिप्टी पीएम डेनिस मंटुरोव दो दिन की यात्रा पर आज भारत आए। वे यहां भात के साथ द्विपक्षीय व्यापार, साइंस और टेक्नोलॉजी सहित रणनीतिक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।
रूस के उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव ने सोमवार से अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा की शुरुआत की। इस दौरान वह व्यापार, संस्कृति और साइंस एंड टेक्नोलॉजी पर अंतर-सरकारी बैठकों में हिस्सा लेंगे। मंटुरोव के पास ही रूस के व्यापार और उद्योग मंत्रालय का जिम्मा है। रूस के एक अधिकारी ने बताया कि व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर अंतर-सरकारी रूस-भारत आयोग के सह अध्यक्ष दोनों देशों के कारोबारी प्रतिनिधियों से मिलेंगे।
कई समझौतों पर होंगे हस्ताक्षर
उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी आयोग ‘आईजीसी‘ की एक पूर्ण बैठक मंगलवार को आयोजित की जाएगी। इसके बाद सहअध्यक्ष 24वीं आईजीसी बैठक के अंतिम प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर करेंगे। रूसी अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार,आर्थिक और मानवीय सहयोग से जुड़े व्यापक मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।
भारत रूस के बीच कारोबार से जुड़े मुद्दों पर होगी चर्चा
मंटुरोव दिल्ली यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। मंटुरोव की यह यात्रा भारत रूस के व्यापारिक रिश्तों में फिर से बढ़ोतरी होने, खासकर नई दिल्ली द्वारा रूस से रियायती दामों पर कच्चा तेल खरीदने की पृष्ठभूमि में हो रही है। भारत ने यूक्रेन पर रूस के हमले की अब तक निंदा नहीं की है और कहा है कि संकट को कूटनीति और संवाद के जरिए हल किया जाना चाहिए।