Highlights
- यासीन मलिक के खिलाफ पेशी वारंट जारी
- रुबैया का 1989 में अपहरण कर लिया गया था
- पांच आतंकवादियों की रिहा हुई थी रुबैया सईद
Rubaiya Sayeed Kidnapping case: जम्मू की टाडा कोर्ट ने बुधवार को रुबैया सईद अपहरण मामले में सुनवाई की अगली तारीख पर यासीन मलिक के खिलाफ पेशी वारंट जारी किया। रुबैया का 1989 में कश्मीर में अपहरण कर लिया गया था और पांच आतंकवादियों की रिहाई के बदले में उन्हें मुक्त कर दिया गया था। मामले की अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को है। इससे पहले मलिक कोर्ट में हाजिरी लगाने पर जोर दे रहे थे। CBI की वकील मोनिका कोहली ने कहा, "अन्य आरोपियों की ओर से रुबैया सईद से जिरह की गई।" "यासीन मलिक ने कोर्ट में हाजिर होने के लिए अर्जी दी है, कोर्ट ने प्रोडक्शन वारंट जारी किया है, सुनवाई की अगली तारीख पर यासीन मलिक मौजूद रहेंगे।"
15 जुलाई को रुबैया सईद ने की थी यासीन मलिक की पहचान
15 जुलाई को पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी और पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद ने मलिक और चार अन्य की पहचान की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने इस साल मई में अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
2019 में फिर से खुला रूबैया सईद अपहरण केस
रूबैया के अपहरण का मामला एक तरह से ठंडे बस्ते में चला गया था। हालांकि, 2019 में NIA द्वारा आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोप में यासीन मलिक की गिरफ्तारी के बाद इसकी सुनवाई फिर से शुरू हो गई। पिछले साल जनवरी में CBI ने विशेष लोक अभियोजक मोनिका कोहली और एस के भट की मदद से रूबिया के अपहरण मामले में यासीन मलिक सहित दस लोगों के खिलाफ आरोप तय किए थे। सुनवाई के दौरान रूबिया ने विशेष न्यायाधीश के सामने अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने यासीन मलिक और तीन अन्य की पहचान अपने अपहरणकर्ताओं के रूप में की।