कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। दरअसल एक आरटीआई के जवाब से पता चला है कि सीएम सिद्धारमैया का कार्यालय उनके सोशल मीडिया अकाउंट को संभालने के लिए हर महीने 54 लाख रुपये खर्च करता है। एक तरफ जहां धन की कमी की बात सामने आ रही है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रे सरकार के मुखिया अपने प्रचार के लिए लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं। ये बात अब लोगों को अखर रही है। इसमें सीएण के अधिकारिक और व्यक्तिगत दोनों सोशल मीडिया अकाउंट शामिल हैं। सीएम सिद्धारमैया के सभी सोशल मीडिया अकाउंट को संभालनेके लिए एक 35 सदस्यीय टीम है।
आरटीआई में खुलासा
बता दें कि आरटीआई कार्यकर्ता मारलिंगा गौड़ा माली पाटिल ने ये आरटीआई दायर की थी। इस आरटीआई के जवाब में सीएमओ अधिकारियों ने सिद्धारमैया के सोशल मीडिया पर खर्च की पुष्टि करते हुए बताया कि यह राशि पिछले मुख्यमंत्रियों द्वारा इस महीने और हर महीने किए गए खर्च 2 करोड़ से कम है। कर्नाटक स्टेट मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग लिमिटेड नाम की सरकारी संस्था की ओर से पाटिल को दिए गए जवाब के अनुसार, सीएमओ ने पिछले साल 25 अक्तूबर से मार्च 2024 तक करीब 3 करोड़ रुपये खर्च किए। इस विवरण से पता चला कि सीएमओ ने हर महीने करीब 53.9 लाख रुपये का भुगतान किया, जिसमें 18 फीसदी भी शामिल है।
सोशल मीडिया पर खर्च हो रहे लाखों
यह पैसा पॉलिसी फ्रंट नामक कंपनी को दिया गया है, जो लगभग 35 सदस्यों की टीम के साथ सिद्धारमैया के सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालती है। ये कंपनी पिछले साल सितंबर से ही सिद्धारमैया के सारे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स को संभालती है। आरटीआई दायर करने वाले मारलिंगा गौड़ा पाटिल ने इसे लेकर कहा कि जब मैंने CM के सोशल मीडिया अकाउंट से जुड़ी जानकारी के लिए RTI दाखिल की तो मुझे बताया गया कि अब तक 3 करोड़ रुपये खर्च किये गए हैं, यानी हर महीने 50 से 52 लाख रुपये खर्च किये जा रहे हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता की अपील
उन्होंने कहा कि जनता का पैसा इस तरह बेहिसाब खर्च किया जा रहा है इसका में विरोध करता हूं। सोशल मीडिया चलाने के लिए 52 लाख रुपये बहुत ज्यादा हैं। मैं CM से अपील करता हूं कि इसकी जांच करवाएं और पता करें कि 52 लाख रुपये कहा-कहां खर्च किए जा रहे हैं और बेहिसाब खर्च करने के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाई करें। आज सीएम सिद्धारमैया मैसूरु में थे। मां चामुंडेश्वरी के दर्शन करने के बाद उन्होंने विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत भी की, लेकिन सोशल मीडिया पर खर्च किये जा रहे पैसों के बारे में कुछ भी टिप्पणी करने से मना कर दिया।