Highlights
- भागवत ने कहा कि सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है।
- संघ प्रमुख ने कहा कि हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है।
- संघ प्रमुख भागवत तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं।
धर्मशाला: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि मीडिया में संगठन को सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में पेश किया जाता है, जो बिलकुल सच नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद के युग में यह विश्व गुरु बनने की क्षमता रखता है। भागवत ने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मीडिया हमें सरकार के रिमोट कंट्रोल के रूप में संदर्भित करता है, लेकिन यह असत्य है। हालांकि, हमारे कुछ कार्यकर्ता निश्चित रूप से सरकार का हिस्सा हैं।’
‘लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है’
भागवत ने कहा, ‘सरकार हमारे स्वयंसेवकों को किसी भी प्रकार का आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है। उनके लिए मेरा जवाब यह है कि हमारे पास जो कुछ भी है उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।’ चिकित्सा में प्राचीन भारतीय पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार जैसे कि काढ़ा, क्वाथ और आरोग्यशास्त्र के माध्यम से देखा गया। अब, दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का अनुकरण करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है।’
‘भागवत हिमाचल प्रदेश के 5 दिवसीय दौरे पर हैं’
RSS प्रमुख ने दिवंगत CDS बिपिन रावत और 13 अन्य लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा जिनका हाल ही में तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। उन्होंने एकता का आह्वान करते हुए कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों के साथ कई लड़ाई हार गई क्योंकि स्थानीय आबादी एकजुट नहीं थी। उन्होंने समाज सुधारक डॉ. बी. आर. आंबेडकर का हवाला देते हुए कहा, ‘हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से पराजित होते हैं।’ सूत्रों ने कहा कि भागवत हिमाचल प्रदेश के 5 दिवसीय दौरे पर हैं और वह तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मुलाकात कर सकते हैं।