Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. देश में हिन्दू समाज नष्ट होने का डर दिख रहा क्या? किसी भी हाल में धर्म न छोड़ो- मोहन भागवत

देश में हिन्दू समाज नष्ट होने का डर दिख रहा क्या? किसी भी हाल में धर्म न छोड़ो- मोहन भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं। समाज और धर्म को द्वेष की नज़र से मत देखो। गुनी बनो, धर्म का पालन करो।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published : Feb 05, 2023 20:39 IST, Updated : Feb 05, 2023 20:39 IST
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत
Image Source : FILE PHOTO राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि मुझे संत रोहितास पर बोलने का सौभाग्य मिला यह मेरे लिए खुशनसीबी है। देश और समाज के विकास के लिए जिन्होंने मार्ग दिखाया वो संत रविदास थे। समाज को मजबूत करने और आगे बढ़ाने के लिए जो परंपरा की ज़रूरत थी वो संत रविदास ने दी है। उन्होंने कहा कि हमने शुरुआत में देश के लोगों ने अपने मन को ही पसोपेश में डाला। इसके लिए कोई ज़िम्मेदार नहीं। समाज में जब अपनापन खत्म हो जाता है तभी स्वार्थ बड़ा हो जाता है। 

"हिन्दू समाज नष्ट होने का भय दिख रहा क्या?"

संघ प्रमुख ने कहा कि हमारे समाज के बटवारे का फायदा दूसरों ने उठाया। नहीं तो किसी को भी हमारी तरफ नज़र उठाकर देखने की हिम्मत नहीं है। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आये लोगों ने इसका फायदा उठाया। अपना मन किसी के भी जायज़ तर्क को नहीं समझता। हिन्दू समाज देश में नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको खुद समझना होगा।

"पंडितों ने श्रेणी बनाई वो गलत था"
मोहन भागवत ने आगे कहा कि हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी ज़िम्मेदारी होती है। भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक हैं, उनमें कोई जाति, वर्ण नहीं है। लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई वो गलत था। देश मे विवेक, चेतना सभी एक हैं, उसमे कोई अंतर नहीं है, बस मत अलग-अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश की, नहीं बदलता तो धर्म छोड़ दो। ऐसा बाबासाहेब अम्बेडकर ने नहीं कहा है, बल्कि परिस्थिति को कैसे बदलो यह बताया है।

"किसी भी हाल में धर्म ना छोड़िए"
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संत रविदास तुलसीदास, कबीर, सूरदास से ऊंचे थे इसलिए संत शिरोमणि थे। संत रविदास शास्त्रार्थ में ब्राह्मणों से भले नहीं जीत सके लेकिन उन्होंने लोगों के मन को छुआ और विश्वास दिलाया कि भगवान है। सत्य, करुणा, अंतर पवित्र, सतत परिश्रम और चेष्टा यह 4 मंत्र संत रोहिदास ने समाज को दिए। आज की परिस्थिति पर ध्यान दीजिए, किसी भी हाल में धर्म ना छोड़िए। संत रोहिदास समेत जितने भी बुद्धजीवी हुए उन सभी का कहने का तरीका कुछ भी हो लेकिन मकसद हमेशा एक रहा कि धर्म से जुड़े रहो।

"गुनी बनो, धर्म का पालन करो"
भागवत ने कहा कि हिन्दू और मुसलमान सभी एक ही हैं। समाज और धर्म को द्वेष की नज़र से मत देखो। गुनी बनो, धर्म का पालन करो। सावरकर हो, सुभाष चंद्र बोस हो या अम्बेडकर इन सभी को एक ही जगह से ज्ञान मिला है कि समाज और देश की उन्नति के लिए काम करो। संतों की बातों को आचरण में लाये बिना समाज का विकास या किसी की शख्सियत में उभार नहीं आएगा।

बेरोजगारी बढ़ने के पीछे बताई बड़ी वजह
RSS चीफ ने कहा कि समाज में आज जो बेरोजगारी बढ़ रही है, उसमें काम को लेकर बड़ा-छोटा समझना भी एक बड़ी वजह है। संत रोहिदास ने कहा कि लगातार कोशिश करते रहो, समाज ज़रूर बदलेगा, लोगों की सोच बदलेगी। आज दुनिया में भारत को सम्मान से देखा जाता है। समाज को साथ लेकर चलना होगा, यह संत रविदास ने बताया है।

ये भी पढ़ें-

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सपने को लेकर बढ़ रहे आगे, संघ को नहीं जीतना कोई चुनाव: मोहन भागवत

भागवत के बयान पर भड़के ओवैसी, पूछा- हमें भारत में रहने की इजाजत देने वाले आप कौन?

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement