नयी दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा रियलिटी कंपनी DLF को जमीन ट्रांसफर करने में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किए जाने संबंधी हरियाणा सरकार के अदालती हलफनामे पर शुक्रवार को खुशी जताई। वाड्रा ने साथ ही यह भी कहा कि उन्हें इसमें ‘उम्मीद की किरण’ नजर आती है। वाड्रा ने इस मौके पर यह आरोप भी लगाया कि उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की गई।
सितंबर 2018 में गुरुग्राम में दर्ज हुई थी FIR
वाड्रा ने कहा, ‘मैं उम्मीद करता हूं कि यह किसी और के साथ न हो। राजनीति का प्रतिशोधी तरीका देश के लिए जहरीला है।’ बता दें कि हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया है कि वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा रियलिटी कंपनी DLF को जमीन ट्रांसफर करने में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया। यह जांच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रॉबर्ट वाड्रा और कुछ अन्य के खिलाफ सितंबर 2018 में गुरुग्राम में दर्ज एक FIR से जुड़ी है।
सरकार ने कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
अदालत में बुधवार को दाखिल एक हलफनामे में सरकार ने कहा, ‘गुरुग्राम में मानेसर के तहसीलदार ने बताया कि मैसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर 2012 को मैसर्स DLF यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची तथा इस लेनदेन में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया।’ इस पर प्रतिक्रिया देते हए वाड्रा ने कहा, ‘मैं हरियाणा सरकार द्वारा कोर्ट को दी गई रिपोर्ट में आशा की किरण देखकर खुश हूं, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि मेरे कारोबारी लेनदेन में कोई गलत काम नहीं हुआ है।’
‘हमने हमेशा जायज तरीकों का पालन किया’
वाड्रा ने कहा कि उन्होंने ईमानदारी से काम किया है और कड़ी मेहनत करके एक मुकाम हासिल किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने हमेशा व्यापार करने और सभी टैक्स का भुगतान करने के जायज तरीकों का पालन किया है। झूठे आरोपों, काम से ताल्लुक रखने वाले कई संबंधों को खोने, सरकार की गलत सूचनाओं और मीडिया के प्रॉपेगैंडा का सामना करते-करते कई साल हो गएं।’ राबर्ट वाड्रा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और राहुल गांधी के बहनोई हैं।