उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग समीक्षा और सहायक समीक्षा अधिकारी (RO/ARO) पेपर लीक कांड के गैंग का पर्दाफाश हो गया है। यूपी एसटीएफ ने खुलासा किया है कि पेपर भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से लीक हुए थे। प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी ने 10 लाख रुपये के लालच में पेपर लीक किया। यूपी एसटीएफ ने खुलासा किया है कि मशीनों के पार्ट्स के बीच छिपाकर पेपर बाहर निकाला गया। पेपर बाहर ले जाने के बदले सुनील को 10 लाख रुपये मिले हैं। एसटीएफ ने इस मामले में यूपी-बिहार-एमपी के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
बहन ने कहा- किसी ने फंसाया है
यूपी एसटीएफ के खुलासे के बाद RO/ARO परीक्षा पेपर लीक करने वाले प्रिंटिंग प्रेस के कर्मचारी सुनील रघुवंशी के परिवार ने बयान दिया है। सुनील रघुवंशी की बहन के मुताबिक, किसी ने फंसाया है। बहन का कहना है कि यह आरोप बिल्कुल झूठा है। वहीं, सुनील की मां माया रघुवंशी का कहना है, "हमने सुना है कि उसने पेपर लेकर आया, पर मुझे मालूम है कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया। उसे फंसाया गया है।"
मां बोली- उसे मारकर थाने चली जाऊंगी
सुनील की मां ने आगे कहा, "उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। मोहल्ले से पूछ लो, बच्चा-बच्चा कह देगा कि मेरे लड़के ने ऐसा कुछ नहीं किया। दूसरों के घर में झाड़ू, पोंछा, बर्तन कर और खाना बनाकर मैंने उसे पढ़ाया है। अगर उसने 10 लाख लिए तो मोबाइल चेक कर लो, अकाउंट चेक कर लो, अगर मेरे बेटे ने ऐसा किया है तो उसे गोली मार दूंगी, चाकू मार दूंगी। 10 लाख निकल आए तो मैं उसे मारकर थाने चली जाऊंगी।"
10 लाख लेकर पर्चा लीक करने का आरोप
बता दें कि एसटीएफ की गिरफ्त में आए सुनील रघुवंशी ने पूछताछ में बताया है कि 10 लाख रुपये लेकर उसने पर्चा लीक किया था। प्रिंटिंग मशीन के पाट्स में खराबी बताकर एक पुर्जे को निकाला, जिसे रिपेयर कराने के लिए बाहर ले जाना था। पुर्जे को एक बॉक्स में रखा, इसी के साथ पेपर भी रखा लिया था। यूपी एसटीएफ ने इस मामले में उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें मध्य प्रदेश भोपाल निवासी सुनील रघुवंशी, बिहार का मधुबनी निवासी सुभाष प्रकाश, यूपी के प्रयागराज का रहने वाला विशाल दुबे, प्रयागराज निवासी संदीप पाण्डे, बिहार के गया का रहने वाला अमरजीत शर्मा और यूपी के बलिया का निवासी विवेक उपाध्याय शामिल हैं।
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