शुक्रवार सुबह खबर आती है कि भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत का दिल्ली-देहरादून हाईवे पर हादसा हुआ है। इस हादसे में पंत को गंभीर रूप से घायल हो गए। उनके सिर, पीठ, हाथ, कलाई और पैर में कई गंभर चोट आई हैं। इसके साथ ही पंत की लग्जरी गाड़ी जलकर खाक हो गई। हादसे के बाद पंत ने गाड़ी का शीशा तोड़कर किसी तरह खुद को बाहर निकाला।
पंत ने खुद ही किया था एम्बुलेंस को फोन
गाड़ी से निकलने के बाद ऋषभ पंत ने खुद ही फोन करके एम्बुलेंस को बुलाया। जिसके बाद मौके पर 108 नंबर की एम्बुलेंस आई और ऋषभ को रेस्क्यू करके नजदीकी अस्पताल ले गई। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें देहरादून रेफर किया गया किया। हादसे के बाद एम्बुलेंस में मौजूद फार्मासिस्ट मोनू कुमार ने इंडिया टीवी को बताया कि वे ऋषभ पंत को जानते नहीं थे।
एम्बुलेंस वाले जानते तक नहीं थे कि वे किसे बचा रहे हैं
मोनू कुमार ने इंडिया टीवी के संवाददाता मनीष प्रसाद को बताया, "वह नहीं जानते थे कि हादसे में घायल भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत हैं।" उन्होंने बताया कि पंत ने उनसे कहा कि मैं अपने घर जा रहा था कि ड्राइव करते वक्त उनकी आंख लग गई और उसके बाद क्या हुआ उन्हें नहीं मालूम। वहीं हादसे के बाद एम्बुलेंस के ड्राइवर दीपक कुमार ने हादसे के बाद मौके से पंत का सामान पुलिस को जाकर दे दिया। इसमें उन्होंने एक ट्रॉली बैग, जिसमें पंत के कपड़े आदि थे। इसके साथ ही उन्होंने पंत के गले की चैन, एक ब्रेसलेट और 4 हजार रुपए पुलिस को सौंप दिए।
लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहेंगे ऋषभ
कार एक्सीडेंट में लगी गंभीर चोट को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि ऋषभ क्रिकेट से लंबे समय तक दूर रहेंगे। बीसीसीआई ने शुक्रवार को उन्हें लगे चोट का अपडेट दिया था। इसे देख यह साफ है कि ऋषभ को मैदान में उतरने में अभी लंबा समय लग सकता है। फिलहाल ऋषभ पंत मैक्स अस्पताल देहरादून में निगरानी में हैं। विकेटकीपर-बल्लेबाज को 48 घंटे तक निगरानी में रखा जाना था और ऑर्थो और न्यूरो दोनों टीमों द्वारा नियमित रूप से निगरानी की जा रही थी। फिलहाल उन्हें अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में रखा गया है। पंत को आगे के स्कैन के लिए दिल्ली ले जाया जाना था, लेकिन अब डीडीसीए जरूरत पड़ने पर इस युवा खिलाड़ी को एयरलिफ्ट करने पर विचार कर रहा है।