देश के विभिन्न हिस्सों से एक के बाद एक डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं सामने आ रही हैं। साइबर अपराधियों द्वारा इस तरीके से लोगों से करोड़ों रुपयों की ठगी को अंजाम दिया जा रहा है। ताजा मामला देश की राजधानी दिल्ली से आया है। यहां रोहिणी इलाके में अपराधियों ने एक रिटायर्ड इंजीनियर को 8 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर के रखा। साइबर अपराधियों उसके साथ 10 करोड़ रुपयों की ठगी को अंजाम दिया है।
पुलिस ने क्या बताया?
पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।
60 लाख रुपये फ्रीज
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।
आखिर होता क्या है डिजिटल अरेस्ट?
दरअसल, साइबर अपराधियों द्वारा लोगों से ठगी के लिए एक नया तरीका इजाद किया गया है जिसे डिजिटल अरेस्ट नाम दिया जाता है। । इस मामले में ठग आपसे संपर्क कर क खुद को कानूनी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं। फिर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें उनके घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं। इसके बाद पीड़ित से उनके बैंक अकाउंट आदि की जानकारी लेकर उनसे ठगी की जाती है। (इनपुट: भाषा)
ये भी पढे़ं- दिल्ली में प्रदूषण का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, याचिका पर 18 नवंबर को होगी सुनवाई
1300 करोड़ रु. से ज्यादा चंदा दिया था, चेन्नई के 'लॉटरी किंग' के ठिकानों पर ED की रेड