Wednesday, November 06, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. कृषि कानूनों को रद्द करना किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को झटका: रमेश चंद

कृषि कानूनों को रद्द करना किसानों की आय बढ़ाने के प्रयासों को झटका: रमेश चंद

कृषि क्षेत्र में सुधारों को महत्वपूर्ण बताते हुए नीति आयोग के सदस्य-कृषि रमेश चंद ने रविवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करना किसानों को अधिक मूल्य दिलाने के प्रयासों के लिए एक झटका है। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 10, 2022 18:03 IST
Niti Ayog member's remark on repealed agricultural laws- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE Niti Ayog member's remark on repealed agricultural laws

Highlights

  • किसानों की आय दोगुनी करने में कृषि कानून हो सकते थे मददगार
  • राज्यों के साथ नए सिरे से विचार-विमर्श शुरू करना होगा
  • नीति आयोग के सदस्य-कृषि रमेश चंद ने कही महत्वपूर्ण बात

नई दिल्ली: कृषि क्षेत्र में सुधारों को महत्वपूर्ण बताते हुए नीति आयोग के सदस्य-कृषि रमेश चंद ने रविवार को कहा कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करना किसानों को अधिक मूल्य दिलाने के प्रयासों के लिए एक झटका है। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार हो सकते थे। चंद ने कहा कि कुछ लोगों ने नीति आयोग से सुधारों को प्रभाव में लाने का अनुरोध किया है। 

उन्होंने कहा कि कृषि सुधार प्रक्रिया को बहाल करने के लिए राज्यों के साथ नए सिरे से विचार-विमर्श शुरू किया जाना चाहिए। नीति आयोग में कृषि नीतियों को देखने वाले रमेश चंद ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कृषि क्षेत्र के लिए सुधार महत्वपूर्ण हैं। कुछ किसान इनका (तीन कृषि कानून) विरोध कर रहे हैं। मुझे लगता है कि राज्यों के साथ नए सिरे से बातचीत की जानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोग हमारे पास आ रहे हैं और कह रहे हैं कि सुधारों की आवश्यकता है। लेकिन यह किस रूप, किस आकार में होना चाहिए इस बारे में हमें कुछ समय इंतजार करना चाहिए।’’ 

चंद से पूछा गया था कि भारत की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए ठप पड़े सुधारों को क्या चार राज्यों में भाजपा को मिली जीत से कुछ गति मिलेगी। चंद से सवाल किया गया कि तीन कृषि कानूनों को लागू किए बगैर क्या किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करना संभव है, इसपर उन्होंने कहा किसानों को बेहतर मूल्य मिले इसके लिए सुधार आवश्यक हैं। ‘‘सुधार यदि नहीं हो रहे हैं, तो निश्चित ही यह इन प्रयासों के लिए झटका है।’’ केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों का बड़े पैमाने पर विरोध हुआ था जिसके बाद एक दिसंबर, 2021 को इन कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए सरकार संसद में एक विधेयक लेकर आई थी। 

एक सवाल के जवाब में चंद ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि करीब तीन प्रतिशत रहेगी। उन्होंने कहा कि यदि मानसून और अन्य चीजें अनुकूल रहती हैं, तो चालू वित्त वर्ष 2022-23 में कृषि क्षेत्र की वृद्धि में और सुधार होगा। मुद्रास्फीति के बारे में एक सवाल के जवाब में चंद ने कहा कि यह सरकार के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि किसी चीज की कमी की वजह से महंगाई बढ़ रही है, तो सरकार विभिन्न उपाय करती है। हम दालों और खाद्य तेलों का आयात बढ़ाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक सब्जियों की कीमतों में उछाल का सवाल है, तो इसकी वजह ‘सीजनल’ है। इसकी काफी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सब्जियों के आयात की भी संभावना नहीं होती।"

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement